Priyanka Gandhi: प्रियंका गांधी यूं तो सक्रिय राजनीति में कई दिनों से हैं लेकिन अभी तक चुनावी मैदान में खुद को कभी नहीं आजमाया है। अब यह पहली बार होगा जब प्रियंका गांधी किसी क्षेत्र से चुनावी मैदान में होंगी। इस बार प्रियंका वायनाड सीट से उपचुनाव में किस्मत आजमाने उतरेंगी। राहुल गांधी ने वायनाड सीट को छोड़ने का एलान कर दिया है जिसके बाद प्रियंका को मैदान में उतारा गया है।
कैसा रहा है प्रियंका का अब तक राजनीतिक जीवन
प्रियंका गांधी ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ कार्य करते हुए की थी, लेकिन उन्होंने बाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रवेश किया। उन्होंने कई राष्ट्रीय और राजस्थान के निर्वाचन क्षेत्रों से अपने पार्टी के लिए अहम योगदान दिया है।
प्रियंका गांधी को उनकी भाषा, संवाद कौशल और लोकप्रियता के लिए जाना जाता है, जिसने उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी बना दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी के लिए उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण और विशिष्ट स्थान दिया है। प्रियंका गांधी को 2019 में पहली बार यूपी की जिम्मेदारी दी गई उनको पूर्वी यूपी का प्रभारी बनाया गया हालांकि उस समय राहुल खुद अमेठी की सीट हार गए। इसके बाद 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तगड़ा झटका तब लाहा जब पार्टी सिर्फ 2 सीटों पर सिमट गई।
कांग्रेस के लिए खास रही है वायनाड सीट
वायनाड लोकसभा सीट का इतिहास कांग्रेस पार्टी के लिए महत्वपूर्ण रहा है। वायनाड लोकसभा सीट के बारे में विशेष बात यह है कि यह एक महत्वपूर्ण कांग्रेस पार्टी का चुनावी क्षेत्र रहा है, जो कि केरल राज्य में स्थित है।
वायनाड लोकसभा सीट का सबसे पहला चुनावी महत्व 2019 में हुआ था, जब इस सीट से राहुल गांधी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उपाध्यक्ष और प्रियंका गांधी के भाई, चुनावी प्रतिस्पर्धा में उतरे थे। उन्होंने यहां से चुनाव जीतकर सांसद का पदभार संभाला था।
वायनाड लोकसभा सीट ने कांग्रेस पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण रोल निभाया है और यहां से प्रतिनिधित्व करने वाले नेताओं ने केरल के लोकतंत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हैं।
लेखक – आयुष राज