Loksabha Speaker: कौन हैं पुरंदेश्वरी देवी? लोकसभा स्पीकर के लिए जिनके नाम की हो रही है चर्चा

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Loksabha Speaker: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ले ली है और अब सबकी निगाहें लोकसभा स्पीकर की कुर्सी पर टिकी हैं। खबर है कि संसद का विशेष सत्र 24 जून को बुलाया जा सकता है, जिसमें नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव भी होगा। बीजेपी, एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, अपना स्पीकर बनाना चाहती है। वहीं, सहयोगी दल टीडीपी और जेडीयू भी स्पीकर की कुर्सी पर दावा ठोक रहे हैं। इस बीच, बीजेपी नेता डी. पुरंदेश्वरी का नाम सबसे आगे है। आइए जानते हैं, कौन हैं पुरंदेश्वरी देवी और बीजेपी ने इन्हीं के नाम क्यों चुना?

कौन हैं पुरंदेश्वरी देवी?

दग्गुबती पुरंदेश्वरी का जन्म 22 जनवरी 1959 को हुआ। उनका पूरा नाम दुग्गुबाती पुरंदेश्वरी है। वे आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दक्षिण के दिग्गज नेता एनटी रामाराव की दूसरी बेटी हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेक्रेट हार्ट मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल, चेन्नई से की। इसके बाद चेन्नई के साउथ इंडियन एजुकेशनल ट्रस्ट एंड वूमेन कॉलेज से बीए लिटरेचर की पढ़ाई की और फिर जेमोलॉजी में डिप्लोमा भी हासिल किया। साल 1997 में उन्होंने हैदराबाद इंस्टीट्यूट ऑफ जेम्स एंड ज्वेलरी की स्थापना की।

5 भाषाओं की जानकार हैं पुरंदेश्वरी

पुरंदेश्वरी देवी पांच भाषाएं- हिंदी, अंग्रेजी, तमिल, तेलुगू और फ्रेंच लिख-पढ़ और बोल सकती हैं। वे कुचिपुड़ी नृत्य में भी दक्ष हैं। साल 1979 में उनकी शादी दग्गुबाती वेंकटेश्वर राव से हुई। उनके दो बच्चे हैं, बेटा हितेश और बेटी निवेदिता।

राजनीतिक करियर

पुरंदेश्वरी देवी का राजनीतिक सफर कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ, जहां उन्होंने मानव संसाधन एवं विकास राज्य मंत्री और बाद में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद संभाला। आंध्र प्रदेश के विभाजन के फैसले से असंतुष्ट होकर उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और 2014 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गईं।

पुरंदेश्वरी देवी को कहा जाता है दक्षिण की सुषमा स्वराज

बीजेपी में शामिल होने के बाद पुरंदेश्वरी को पहले महिला मोर्चा का प्रभारी बनाया गया और फिर 2020 में उड़ीसा की प्रभारी नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें आंध्र प्रदेश का अध्यक्ष भी बनाया गया। उनके सौम्य स्वभाव के कारण उन्हें दक्षिण की सुषमा स्वराज भी कहा जाता है।

स्पीकर पद के लिए बीजेपी ने पुरंदेश्वरी को ही क्यों चुना?

पुरंदेश्वरी देवी के स्पीकर बनने की संभावना इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि वे टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। उनकी बहन नारा भुवनेश्वरी से चंद्रबाबू नायडू की शादी हुई है।

अगर बीजेपी पुरंदेश्वरी को स्पीकर बनाने का निर्णय करती है, तो नायडू इसका विरोध करने की संभावना कम है। 1995 में जब चंद्रबाबू नायडू ने अपने ससुर एनटी रामाराव की सरकार का तख्तापलट किया था, तब पुरंदेश्वरी ने उनका समर्थन किया था।

यही कारण है कि बीजेपी ने पुरंदेश्वरी का नाम लोकसभा स्पीकर के लिए आगे किया है और इस चर्चा को एक राजनीतिक चाल की तरह देखी जा रही है, जिससे बीजेपी एक तीर से दो निशाने साध सकती है।

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