इमरजेंसी पर ओम बिरला के बयान से खफा राहुल गांधी

Published
कांग्रेस नेता राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी

लोकसभा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार (26 जून, 2024) को आपातकाल की निंदा का प्रस्ताव पढ़ा था। इस दौरान उन्होंने आपातकाल को देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया। इसी बीच, राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष के सामने इमरजेंसी के प्रस्ताव पर अपनी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रस्तावों से बचना चाहिए। कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने भी इस प्रस्ताव का खंडन किया और इसे आश्चर्यजनक बताया कि अध्यक्ष ने इस मुद्दे को सदन में उठाया। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा और इसे दिखावा बताया।

जानें ओम बिरला ने क्या कहा था ?

उन्होंने कहा था कि 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काले पने वाला अध्याय रहा है। उन्होंने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उस समय देश में मीडिया पर प्रतिबंध था और लोगों के अधिकार छीने जा रहे थे।

ओम बिरला ने कहा, “इस सदन ने 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है। हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्पों की भी सराहना करते हैं, जिन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया। 25 जून, 1975 भारतीय इतिहास में हमेशा एक काला अध्याय रहेगा।”

इस बयान के बाद, सदन में हंगामा खड़ा हो गया और विपक्षी नेताओं ने भी इस बयान के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद सदन को गुरुवार (27 जून) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।