नई दिल्ली। राजस्थान के झुंझुनूं जिले से अजीब घटना सामने आई है. जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया, लेकिन बाद में वह चिता पर जिंदा हो गया. मामले में जिला कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला
झुंझुनूं जिले के बगड़ स्थित मां सेवा संस्थान के एक आश्रय गृह में रहने वाले 47 वर्षीय रोहिताश की गुरुवार दोपहर अचानक तबीयत बिगड़ गई. वह मूक-बधीर और अनाथ था. उसकी बिगड़ी हुई तबीयत के कारण उसे झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल लाया गया.
अस्पताल में इलाज के बाद, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इसके बाद शव को अस्पताल की मोर्चरी में रखा गया और दो से ढाई घंटे तक डी-फ्रीज में रखा गया. उसके बाद शव का पंचनामा बनवाया गया और शव को परिजनों को सौंप दिया गया, जिन्हें श्मशान घाट ले जाया गया.
अचानक जब शव को चिता पर रखा गया, तो उसकी सांसें चलने लगीं और शरीर में हलचल दिखाई दी. यह देखकर आसपास मौजूद लोग घबरा गए और तुरंत एंबुलेंस बुलाकर रोहिताश को फिर से अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल, वह बीडीके अस्पताल में आईसीयू में भर्ती है और उसकी हालत सामान्य बताई जा रही है.
जिला कलेक्टर दिए मामले की जांच के आदेश
इस घटना के बाद जिला कलेक्टर रामअवतार मीणा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और पीएमओ से रिपोर्ट मांगी गई है. कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार महेंद्र मूंड और सामाजिक अधिकारिता विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पवन पूनिया भी अस्पताल पहुंचे हैं.
प्रशासनिक अधिकारी अस्पताल में मौजूद हैं और मामले की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों की बैठक भी चल रही है. बगड़ थानाधिकारी हेमराज मीणा ने भी मामले की जांच की पुष्टि की है.