राजसमंद। जिल के गड़बोर धाम में जलझूलनी एकादशी के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा. मेले के पहले दिन प्रभु चारभुजा नाथ सोने की शाही वेवाण में विराजित होकर नगर भ्रमण करते हुए दूध तलाई पहुंचेंगे. बता दें कि राजसमंद में हर साल जलझूलनी एकादशी के मौके पर मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु शामिल होते हैं.
इस साल भी सोमवार को जलझुलनी एकादशी के पर्व पर भगवान चारभुजा नाथ अपने सोने के वेवाण में बैठकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे. प्रभु चारभुजा नाथ की शाही सवारी दूध तलाई पहुंचेगी, जहां पर प्रभु चारभुजा नाथ को अमल (अफीम ) का भोग लगाया जाएगा. वहीं चारभुजा नाथ के सेवादार भक्तों के साथ प्रभु को शाही स्नान करवाएंगे.
बता दें कि प्रभु चारभुजा नाथ के आलौकित मनोरम दृश्य का दर्शन और एक झलक पाने के लिए राजस्थान सहित मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र के साथ देश भर से लाखों की तादात में भक्त आएंगे. जहां वे चारभुजा नाथ के वर्ष पर्यंत जलझूलनी एकादशी कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस अवसर पर चारभुजा नाथ के जयकारों से पुरा शहर गूंजयमान होगा.
बता दें कि मेले के दौरान चारभुजा नाथ के भक्त भगवान के संग जमकर एक दूसरे पर गुलाल उड़ाते हैं. पूरा शहर गुलाल में सरोबार हो जाता है. प्रभु को श्रृंगार करवाया जाता है और भक्त जनों के लिए दर्शन खोले जाते है. प्रभु चारभुजा नाथ के दर्शन सुबह 10 बजे तक होते रहेंगे. दर्शन बंद होने के बाद प्रभु की सेवा करने वाले गुर्जर समाज के करीब तीन सौ से चार सौ प्रत्येक घर से एक सेवादार अपने हाथों में सोने या चांदी की छड़ी लेकर मंदिर पहुंचेंगे और प्रभु चारभुजा नाथ की शाही सवारी में अपनी सेवाएं देंगे.
आपको बता दें कि प्रभु चारभुजा नाथ का यह 3 दिवसीय मेला राजस्थान का सबसे बड़ा मेला है. इस दिन प्रभु सोने की पालकी में विराजित होकर अपने सेवादारों के के संग भ्रमण करते हुए दूध तलाई पहुंचते हैं. पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन कानून व्यवस्था को लेकर पूरी तरह से अलर्ट रहते हैं. सुरक्षा व्यवस्था के लिए हजारों पुलिस जवान भी तैनात किए जाते हैं. वहीं राजसमंद जिला कलेक्टर की ओर से जिले में शैक्षिक अवकाश घोषित किया जाता है.