उत्तर प्रदेश: औरैया जनपद के बिधूना में पहुंचे किसान नेता राकेश टिकट ने कहा यहां पर मंडल की समीक्षाएं हैं. इसमें मंडल के तहसील अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष जिले की कमेटी और मंडल के जो भी पदाधिकारी हुए, यह एक तरह की कार्यशाला है और विचार विमर्श करना. क्या-क्या प्रॉब्लम है. उसे रूबरू होना. कुछ डायरेक्शन संगठन को देना. आजकल क्या देश में घटना घटित हो रही है, एग्रीकल्चर की क्या प्रॉब्लम है, इंटरनेशनल क्या पॉलिसी है. आगे आने वाले समय में क्या समस्याएं आएगी?
राजनीति को लेकर एनडीए और इंडिया गठबंधन से हमारा कोई संबध नहीं है. हमारा किसी भी पॉलीटिकल पार्टी से कोई संबंध नहीं है. सरकार किसानों को लेकर जो वादे करती है, सरकार तो काम कर नहीं रही है और सरकार की पॉलिसी एंटी ग्राम हैं, किसान के प्रति उनका कोई लगाव नहीं है. वह चाहते हैं, इनकी जमीन कितनी जल्दी छीनी जाए. अब सब व्यापारी जमीन पर पैसा लगा रहे है. क्या टारगेट है. जमीन में नुकसान हैं, तो फिर जमीन का क्या करेंगे. जमीन छीनने का एक बड़ा षड्यंत्र चल रहा है. जमीन के भाव महंगे हो सकते हैं. भाव महंगे होने से फसलों के रेट कम होंगे. किसान जमीन बेचकर अपना गुजारा करेगा और 47 का टारगेट इनको दे दिया गया है. 2047 में भारत उच्च स्तर पर पहुंच जाएगा. जमीन छिन जाएगी, लोग गरीब हो जाएंगे.
एमएसपी गारंटी कानून नहीं है, यहां से सस्ते में फसले बिकती हैं, बड़े व्यापारी उद्योगपति उसको खरीदते हैं और महंगे रेट में आम जनता को फिर बेचते हैं, यहां पर धान और मक्का की खरीद होती है और बिहार से सूरजमुखी और मक्का की खरीद होती है. धान की खरीद होती है, गेहूं की खरीद होती है. दूसरी जगह से कहीं नारियल की होती है, तो फसलों के दाम नहीं है. बड़ी समस्या हैं.