गोधरा कांड पर बनी फिल्म ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का बहुप्रतीक्षित ट्रेलर जारी कर दिया गया है। ट्रेलर के सामने आते ही साल 2002 की दुखद घटना के बारे में चर्चा फिर से शुरू हो गई है, जिससे कई सवाल भी खड़े हो गए हैं। फिल्म में अभिनेता रणवीर शौरी मुख्य भूमिका में हैं। हाल ही में फिल्म का टीजर जारी हुआ था, जिसके बाद से ही हर किसी की निगाहें इसके ट्रेलर रिलीज पर टिकी हुई थीं।
गोधरा कांड का सच उजागर करेगी फिल्म!
‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ गोधरा कांड की जांच के लिए गठित नानावती-मेहता आयोग की रिपोर्ट पर आधारित फिल्म है। ट्रेलर को देखने के बाद वापस से सवाल उठ रहा है कि साबरमती एक्सप्रेस में आग क्यों लगी? इतने सारे लोगों की हत्या और सामूहिक बलात्कार कैसे किया गया? क्या अधिकारियों ने अपनी गैरजिम्मेदारी छुपाने के लिए कहानियां गढ़ीं? जब घटना घटी तो फायर ब्रिगेड और आरपीएफ कहां थे? जानकारी हो कि लोगों के जिंदा जलने से कई लोगों की जान चली गई थी। इस विवादास्पद मामले में न्याय की लड़ाई लड़ते हुए रणवीर शौरी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
निर्माता बी.जे. पुरोहित ने जाहिर किया उत्साह
ओम त्रिनेत्र फिल्म्स के बैनर तले बी.जे. पुरोहित द्वारा निर्मित ‘एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा’ का उद्देश्य गोधरा ट्रेन जलने की घटना के पीछे की सच्चाई को पर्दे पर दर्शाना है। निर्माता बी.जे. पुरोहित बताते हैं, ‘लोग गोधरा घटना को 2002 के हिंदू-मुस्लिम दंगों के परिणाम के रूप में जानते हैं, लेकिन वे गोधरा के बाद की घटनाओं को गोधरा से पहले क्यों मानते हैं? गुजरात दंगों के पीछे कौन सी सच्चाई दबा दी गई है? गोधरा कांड के पीछे की सच्चाई को तोड़-मरोड़कर पेश करने या इसे एक दुर्घटना या तात्कालिक संघर्ष के रूप में प्रस्तुत करने में किस तरह की मानसिकता शामिल है? इस घटना में मारे गए 59 लोगों की भावनाओं को जनमानस में आवाज क्यों नहीं दी गई? 27 फरवरी 2002 को गोधरा स्टेशन पर हुई घटना के पीछे की सुनियोजित साजिश पर यह नानावती-शाह मेहता आयोग की जांच के नजरिए से विचार करता है और आयोग की जांच के दौरान सामने आए तथ्यों और सूचनाओं को सिनेमा के माध्यम से प्रस्तुत करता है।’
निर्देशक ने फिल्म को लेकर कही बड़ी बात
निर्देशक एम.के. शिवाक्ष ने कहा, ‘हम पिछले पांच वर्षों से एक्सीडेंट ऑर कॉन्सपिरेसी गोधरा पर काम कर रहे हैं। मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि यह फिल्म इन वर्षों के दौरान व्यापक शोध का परिणाम है। यह कहना गलत होगा कि ट्रेन हमले की योजना थी या नहीं यह पहले से तय है या नहीं, लेकिन फिल्म इन सवालों के जवाब उजागर करती है। यह शोध को विश्वविद्यालय स्तर तक ले जाती है और फिर गोधरा घटना से जुड़ी जानकारी को मेरे नजरिए के फिल्टर के माध्यम से प्रस्तुत करती है।’