14 जुलाई 2024 को, पुरी के जगन्नाथ मंदिर में एक ऐतिहासिक पल होगा जब 46 साल बाद रत्न भंडार को पुनः खोला जाएगा। यह निर्णय ओडिशा सरकार द्वारा लिया गया है ताकि मंदिर में संग्रहित कीमती वस्तुओं की गणना की जा सके। इससे पहले रत्न भंडार को आखिरी बार 1978 में खोला गया था। यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम भगवान लोकनाथ की पूजा के साथ शुरू होगा, जिसके बाद सरकारी कर्मचारी और एक सपेरा रत्न भंडार में प्रवेश करेंगे।
खजाने की मरम्मत भी करेगा ASI
यह निर्णय उच्च स्तरीय समिति द्वारा लिया गया था, जिसमें उड़ीसा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति विश्वनाथ रथ भी शामिल थे। साथ ही, भगवान बलभद्र के मुख्य सेवक हलधर दास महापात्र ने भी इस फैसले का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने रत्न भंडार के लंबे समय से बंद रहने का हवाला देते हुए मरम्मत के लिए राज्य सरकार की ओर से इसे फिर से खोलने की आवश्यकता पर बल दिया था।
इस प्रक्रिया में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) भी शामिल होगा, जो रत्न भंडार की मरम्मत कार्य में सहायक होगा। यह घटना भगवान जगन्नाथ मंदिर के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को और भी मजबूती देगी।