नई दिल्ली/डेस्क: महंगाई कंट्रोल करने के अपने मुख्य लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी ये द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश की है. चालू वित्त वर्ष 2023-24 में रिजर्व बैंक की आखिरी मौद्रिक नीति है. इसके बाद अगली मौद्रिक नीति अप्रैल में आएगी, जो नए वित्त वर्ष की पहली मोनेटरी पॉलिसी होगी.
आरबीआई ने 2024 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी का एलान कर दिया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने पॉलिसी दरों में किसी तरह के बदलाव न करने पर सहमति जताई है. यानी ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिलेगा. आरबीआई ने रेपो रेट 6.50 प्रतिशत बरकार रखी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) हर दो महीने में मॉनिटरी पॉलिसी पर तीन दिवसीय बैठक करता है. इसमें रेपो रेट के साथ कई और अहम निर्णय लिये जाते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक गर्वनर शक्तिकांत दास ने बताया कि केंद्रीय बैक ने साल 2024 की अप्रैल-जून तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.7 फीसदी से बढाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया है. इसी तरह जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए पहले जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया गया था, जिसे अब 6.8 फीसदी कर दिया गया है. अक्टूबर-दिसंबर क्वार्टर में भारतीय अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है.
पहले रिजर्व बैंक ने इस तिमाही में जीडीपी में 6.4 फीसदी की दर से ग्रोथ होने का अनुमान लगाया था. इसी तरह रिजर्व बैंक ने साल 2025 में जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने की बात कही है.
लेखक: इमरान अंसारी