लोकार्पण कार्यक्रम में बोले RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, वेदों में निहित हैं विश्व कल्याण की बात

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डॉ. मोहन भागवत

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि वेद भौतिक और आध्यात्मिक ज्ञान ही निधि व अखिल ब्रह्माण्ड के मूल हैं। वे सारी दुनिया को जोडने का काम करते हैं। अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में श्रीपाद दामोदर सातवलेकर कृत वेदों के हिंदी भाष्य के तृतीय संस्करण के लोकार्पण कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि वेद और भारत दोनों एक ही हैं।

वेदों में निहित हैं विश्व का कल्याण : डॉ. मोहन भागवत

कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधन करते हुए उन्होंने वेद को लेकर कहा कि वेद सनातन धर्म का आधार है। जिसमें ज्ञान, विज्ञान, गणित, धर्म, चिकित्सा और संगीत की भी प्रचुरता है। उन्होंने कहा कि वेदों के मंत्रों में अंक गणित, घन और घनमूल के सिद्धांतों का भी स्पष्ट उल्लेख हैं। वेदों में समस्त विश्व के कल्याण की बात निहित हैं। वेद विश्व की समस्त मानवता को एकाकार होने का मार्ग दिखाते है। सनातन संस्कृति में जीवन जीने के लिए स्पर्धा नहीं करनी पड़ती, यह हमें वेदों ने ही सिखाया है।

विश्व के कल्याण के लिए हुईं है वेद की रचना : डॉ. मोहन भागवत

कार्यक्रम के दौरान वेद की महत्ता को लेकर डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि सत्यम् ज्ञानम् अनन्तम ब्रह्म’। हमारे ऋषियों ने इसी दृष्टि से विश्व कल्याण के लिए वेदों की रचना की थी। हमारे यहां जब पुत्र का पेट भर जाता है तो माता तृप्त हो जाती है। यह बात विज्ञान चाहे ना माने किंतु यह भौतिक वाद से परे का आनंद है। ज्ञान की समस्त प्रणालियों में वेदों का आधार देखने को मिलता है। वेदों के अध्ययन से समस्त मानवता प्रकाशित होती रहेगी।

लोकार्पण कार्यक्रम में इन लोगों की रही उपस्थिति

लोकार्पण कार्यक्रम में संघ प्रमुख के साथ,विहिप के संरक्षक व केन्द्रीय प्रबंध समिति के सदस्य श्री दिनेश चंद्र ,देश भर के साधु संत, संघ, विश्व हिंदू परिषद के साथ अनेक धार्मिक, सामाजिक व संस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारियों सहित समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहें।

-गौतम कुमार