OTT regulations: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100वीं वर्षगांठ में प्रवेश करने से पहले अपने आखिरी विजयादशमी भाषण में मोहन भागवत ने कई बड़े मुद्दों पर बात की. अपने भाषण में उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाली कॉन्टेंट पर बात की और उन्हें वाहियात करार दिया.
ओटीटी पर लगाम है जरूरी
आरएसएस प्रमुख ने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कॉन्टेंट पर निशाना साधते हुए सरकार से जल्द से जल्द रेगुलेशटरी नियम (OTT regulations) लागू करने की मांग भी की.
उन्होंने कहा, “ओटीटी प्लेटफॉर्म पर जो दिखाया जा रहा है, उस पर बहुत कम या कोई नियंत्रण नहीं है. बहुत सी कॉन्टेंट इतनी वाहियात है कि उसका उल्लेख करना भी शालीनता का उल्लंघन होगा. हमारे घरों, खासकर बच्चों तक पहुंचने वाली अश्लील और आक्रामक कॉन्टेंट पर कानून (OTT regulations) बनाने की तुरंत जरूरत है.”
युवाओं में बढ़ता नशे का चलन चिंताजनक
डिजिटल कॉन्टेंट पर अपनी टिप्पणियों के अलावा, भागवत ने युवाओं में बढ़ती नशीली दवाओं की लत के बारे में बात की और इसे समाज को कमजोर करने वाला कारक बताया.
रीजनल समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित करते हुए भागवत ने पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए कहा, “बांग्लादेश में जो हो रहा है, वह भारत में हिंदुओं के लिए सीखने का अनुभव है.”
हिंदुओं के पास कमजोरी का ऑप्शन नहीं
भागवत ने हिंदुओं के लिए वैश्विक समर्थन का आह्वान किया और भारत सरकार से कार्रवाई करने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, “अगर हम कमजोर हैं, तो हम अत्याचार को आमंत्रित कर रहे हैं. हम जहां भी हैं, हमें एकजुट और सशक्त होने की जरूरत है, और कमजोरी कोई विकल्प नहीं है.”
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कट्टरपंथी विचारधारा पर भी लगाम जरूरी
भागवत के अनुसार, पड़ोसी बांग्लादेश में, जिसने हाल ही में एक बड़े राजनीतिक उथल-पुथल को देखा है, एक नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि भारत एक ख़तरा है और उन्हें भारत के ख़िलाफ़ बचाव के लिए पाकिस्तान में शामिल हो जाना चाहिए. उन्होंने पूछा कि ऐसा नैरेटिव कौन फैला रहा है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बांग्लादेश में एक अत्याचारी कट्टरपंथी प्रकृति मौजूद है.
हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों के सिर पर खतरे की तलवार लटक रही है. उन्होंने कहा कि हिंदू अब खुद का बचाव करने के लिए सामने आए हैं, उन्होंने कहा कि उन्हें मानवता और सद्भाव का समर्थन करने वाले सभी लोगों, विशेष रूप से भारत सरकार और दुनिया भर के साथी हिंदुओं की मदद की जरूरत होगी.
भागवत ने कहा कि ‘डीप स्टेट’, ‘वोकिज्म’ और ‘कल्चरल मार्क्सिस्ट’ को सभी सांस्कृतिक परंपराओं का दुश्मन घोषित किया गया है. भागवत ने कहा, “इसलिए बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ और इसके कारण होने वाला जनसंख्या असंतुलन आम लोगों के बीच भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है.”
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