सड़कों पर छात्रों का प्रदर्शन
बांग्लादेश में इन दिनों आरक्षण को लेकर बवाल मचा हुआ है। ढाका यूनिवर्सिटी, जहांगीरनगर यूनिवर्सिटी, और कोमिला यूनिवर्सिटी समेत देश भर की विश्वविद्यालयों में छात्र सड़क पर उतर आए हैं। वे आरक्षण के कोटे को कम करने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है और हिंसा फैल रही है।
प्रदर्शन का विस्तार और हिंसक रूप
छात्रों ने विरोध का तरीका भी बदल लिया है; कहीं हाथों में मशाल है तो कहीं लाठी डंडे। सरकार की अपीलें बेअसर साबित हो रही हैं, और प्रदर्शनकारियों की हिंसा ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका समेत अन्य शहरों को भी प्रभावित किया है। सड़कें वीरान हो गई हैं, गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं, और ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।
छात्रों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया
छात्रों की प्रमुख मांगें हैं:
- आरक्षण को 56% से घटाकर 10% किया जाए।
- योग्य उम्मीदवारों की अनुपस्थिति में मेरिट लिस्ट से भर्ती की जाए।
- सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान परीक्षा हो।
- सभी के लिए उम्र समान हो।
- एक बार से ज्यादा आरक्षण का इस्तेमाल न हो।
इन मांगों के चलते प्रदर्शन और भी उग्र हो गया है। अब तक हिंसा में 32 लोगों की मौत हो चुकी है और 2500 से अधिक लोग घायल हुए हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात कर दिया है और छात्रों से शांति की अपील की है, लेकिन उनका प्रयास प्रभावी नहीं हो पा रहा है।
बांग्लादेश की राजनीति और ISI कनेक्शन
जनवरी 2024 में हुए आम चुनाव में शेख हसीना की पार्टी ने बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन चुनाव के बाद हुए प्रदर्शनों ने देश को हिला कर रख दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरक्षण का लाभ उन लोगों को मिल रहा है जिनके परिवार बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई में शामिल थे, और ये लोग शेख हसीना सरकार के समर्थक माने जाते हैं।
संभावित ISI कनेक्शन की खबरें भी सामने आ रही हैं, जिससे सरकार ने सेना को बुला लिया है और इंटरनेट पर रोक लगा दी गई है। बांग्लादेश के विपक्षी दलों के पाकिस्तान समर्थक तत्वों के साथ संपर्क होने की भी अटकलें हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा की निंदा की है और शांतिपूर्ण आंदोलन पर हिंसा के खिलाफ बयान दिया है। अमेरिका का कहना है कि वे लगातार ढाका में हो रही घटनाओं पर नजर बनाए हुए हैं और सरकार से शांति बहाल करने की अपील की है।
बांग्लादेश में 1971 के बाद से सबसे गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है, और सरकार को अस्थिर करने की कोशिशें तेज हो गई हैं। शेख हसीना की सरकार ने देश में स्थिरता लाने का प्रयास किया है, लेकिन वर्तमान में विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के चलते स्थिति काफी तनावपूर्ण है।
निशांत कुमार, न्यूज़ इंडिया