India Russia Weapons Deal News: भारत दुनिया में सबसे ज्यादा हथियार आयात करने वाला देश है. ये भारत के लिए भी अहम है, क्योंकि चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत का युद्ध के लिए तैयार रहना भी जरूरी है. लेकिन कुछ कारणों से भारत की मिलिट्री मॉडर्नाइजेशन स्ट्रैटजी और हथियारों की डील में कई दिक्कतें आ रही हैं. जिसके परिणामस्वरूप भारत को समय पर हथियार मिलने में देरी हो रही है. आइए जानते हैं भारत की मिलिट्री मॉडर्नाइजेशन स्ट्रैटजी और हथियारों की डील में रोड़े कौन पैदा कर रहा है? और इससे भारत को भविष्य में क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
न्यूज़ एजेंसी रोयटर्स के मुताबिक, रूस ने भारत को पिछले 2 दशकों यानी 20 वर्षों में 65% हथियार सप्लाई किए हैं. इनकी कीमत 4.9 लाख करोड़ से भी अधिक है. लेकिन अब रूस भारत को निर्धारित समय पर वॉरशिप, एयर डिफेंस सिस्टम जैसे महत्वपूर्ण हथियार सप्लाई नहीं कर पा रहा है, इसके पीछे की रूस-यूक्रेन वॉर जो पिछले 2 साल से चल रहा है.
जानकारी के अनुसार, साल 2022 में शुरू हुई रूस-यूक्रेन जंग से अब तक रूसी हथियारों की बिक्री में 60% की गिरावट दर्ज हुई है. रूस-यूक्रेन वॉर के बीच रूस की डिफेंस इंडस्ट्री जरूरत के अनुसार हथियार बनाने पर केंद्रीत है. आज समय वो आ गया है कि रूस हथियारों की कमी से जुझ रहा है. ऐसी स्थिति में रूस को नॉर्थ कोरिया, चीन और ईरान जैसे देश हथियार सप्लाई कर रहे हैं. हथियारों की कमी से जूझ रहा रूस भारत को हथियार समय पर सप्लाई नहीं कर पा रहा है.
रूस भारत को इन हथियारों की सप्लाई समय पर करने में विफल
- रूस और भारत के बीच S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की 5 बैटरी डील हुई. जो रूस द्वारा भारत को 2023 में डिलीवर करनी थी. इन 5 बैटरियों में से भारत को अभी तक 3 बैटरी मिली हैं. बकाया 2 बैटरी भारत को रूस साल 2026 तक डिलीवर कर सकता है.
- भारत और रूस के बीच परमाणु पनडुब्बी (Nuclear Submarine) को लेकर डील हुई थी. डील के मुताबिक, रूस भारत को वर्ष 2025 तक परमाणु पनडुब्बी डिलीवर करने वाला था. जो अब वर्ष 2028 तक डिलीवरी होने की उम्मीद है.
- इन सबके बीच उम्मीद है कि अगले महीने तक भारत को 2 रूसी मल्टीरोल लड़ाकू जहाज मिल सकते हैं. आपको बता दें, यह डिलीवरी भी 2 साल देरी से हो रही है. इनकी डिलीवरी साल 2022 में होनी थी.
भारत को भविष्य में हो सकता है नुकसान!
रूस-यूक्रेन वॉर के बीच रूस द्वारा भारत को हथियार डिलीवर करने में हो रही देरी के कारण भारत को भविष्य में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. एक ओर जहां भारत और चीन के बीच LAC पर पेट्रोलिंग को लेकर नई सहमति बनी है, बावजूद इसके भारत को चीन से खतरा अभी कम नहीं हुआ है. ऐसे में भारत को चीन के नापाक इरादे का जवाब देने के लिए पहले से ही तैयार रहना होगा.
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