अपने गुरू को समाधि से वापस लाने के लिए साध्वी आशुतोषाम्वरी ने लेली निर्विकल्प समाधि, जानिए कोर्ट में क्यों पहुंचा मामला?

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लखनऊ/उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित आनंद आश्रम से जुड़ी एक रहस्यम कहानी लोगों के बीच आस्था और विज्ञान का मुख्य केंद्र बनी हुई है। ये कहानी अपने गुरु को समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि में लीन हुई साध्वी मां आशुतोषाम्वरी की है।

इस कहानी को जिसने भी सुना और जाना वह हैरान और स्तब्ध है। क्योंकि आनंद आश्रम की गुरु मां, साध्वी आशुतोषाम्वरी ने 28 जनवरी, 2024 को अपने गुरु आशुतोष महाराज को उनकी समाधि से वापस लाने के लिए खुद समाधि लेने का कदम उठा लिया।

बता दें कि ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज ने 28 जनवरी 2014 को समाधि ली थी। जिसमें उस लोक से इस लोक में इंसान की वापसी का दावा किया जाता था। लेकिन आज 21वीं सदी में भी लोग इन भ्रम और छलावों में विश्वास करते है। ये सुनने में बहुत ही अजीब लगता है।

लेकिन यह कोई मिथ नहीं बल्कि एक हकीकत है और आश्रम के पुजारी अभी भी साध्वी आशुतोषांवरी के वापस आने के दावा कर रहे हैं। कहानी में आगे बढ़ें इससे पहले आश्राम के संदेश पर एक नजर डाल लेते हैं। चलिए जानते हैं क्या कहता है आश्राम का संदेश?

आनंद आश्रम का दिव्य संदेश

28 जनवरी 2024 प्रात:अमृत वेला 4.33 मिनट पर गुरु मां आशुतोषाम्वरी जी निर्विकल्प समाधिस्थ हो गईं। दावा है कि ये साध्वि ने ये समाधि विश्व में शांति और कल्याण के हेतु साथ ही सर्व श्री आशुतोष जी महाराज को समाधि से उठाने के लिए ली है। संदेश में आगे कहा गया है कि महापुरुषों ने जब भी धरा पर अवतार लिया है, उनका कोई विशेष उद्देश्य रहा है। संसार के महत्वपूर्ण कार्य को करने के लिए गुरु मां आशुतोषाम्वरी जी ने निर्विकल्प समाधि ली है। आप सभी से अनुरोध हो जो जहां भी है वहीं से मां आदि शक्ति के सामने प्रार्थना करे कि हे मां हम सब आपके इस विशेष कार्यक्रम में सहयोगी बनना चाहते हैं। अत: आप सब अनवरत प्रार्थना करें। ध्यान और केंद्रित हो। जिनको ज्ञान मिला है। वो साधना करें और जिनके पास ब्रह्म ज्ञान नहीं वो सिर्फ ‘हे मां’ का मंत्र जाप करें। हमे गर्व है कि मां हम आपके सानिध्य का एवं शिष्य होने का सौभाग्य मिला है। परम पूज्यनीय, परम वंदनीय गुरु मां आशुतोषाम्वरी जी की चरणों में कोटि-कोटि नमन।

कब शुरू हुई ये कहानी?

अंधविश्वास की यह कहानी बीती 28 जनवरी 2024 को आशुतोषाम्वरी के समाधि लेने के बाद शुरू हुई। आनंद आश्रम में साध्वी गुरु मां आशुतोषाम्वरी ने समाधि लेने से ठीक पहले अपने शिष्यों के लिए एक वीडियो बनाकर संदेश दिया था कि वह अपने गुरु ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज को उनके शरीर में वापस लाने के लिए समाधि ले रही हैं।

लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। आज साध्वी आशुतोषाम्वरी को समाधि लिए एक महीने से ज्यादा समय हो गया है, लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी आशुतोषाम्वरी के शरीर में कोई हलचल है और न ही उनके गुरू वापस लौटे हैं।

क्या कहते हैं डॉक्टर्स?

जब साध्वी आशुतोषाम्वरी की मेडिकल जांच की तो उन्होंने ऑब्ज़र्व किया है कि मां आशुतोषाम्वरी ना तो सांस ले रही हैं, ना ही उनकी पल्स चल रही है और उनके शरीर का कोई भी ऑर्गन फिलहाल काम नहीं कर रहा है। जिसके चलते डॉक्टर उन्हें क्लिनिकली डेड मान रहे हैं।

लेकिन उन्हें डेड डिक्लीयर करने के सवाल पर कहते हैं कि किसी और डॉक्टर से उनकी मेडिकल जांच करवाई जा सकती है। बता दें कि समाधि में गईं साध्वी की जांच करनेवाले डॉक्टर जेपी सिंह ने साध्वी की सेहत को लेकर शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है ।

मां आशुतोषाम्वरी आध्यात्मिक तौर पर जुड़ी हुई हैं- शिष्य साध्वियां

अंधविश्वास का आलम ये है कि साध्वी के शिष्यों और भक्तों को अब भी के साध्वी जल्द ही वापस लौटने का आस लगाए बैठे हैं। इतना ही नहीं आश्रम में मौजूद कुछ साध्वियों का तो यहां तक कहना था कि वो समाधि में लेटी अपनी गुरु मां से आज भी आध्यात्मिक तौर पर जुड़ी हुई हैं। उनसे बातें भी कर रही हैं।

साध्वियों का कहना है कि समाधि में लेटी-लेटी आशुतोषाम्वरी कह रही हैं कि वो जल्द लौट कर आएंगी।

दरअसल, 39 दिन बीत जान के बाद भी साध्वी आशुतोषाम्वरी समाधि से वापस नहीं लौटी है। इसी बीच उनके शिष्यों ने उनके पार्थिव शरीर को सुरक्षित करने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई है।