Sambhal Tension: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में रविवार को हुई हिंसा ने इलाके को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. यह बवाल शाही जामा मस्जिद में सर्वे को लेकर हुआ, जिसमें उपद्रवियों ने गाड़ियों में आग लगाई और पुलिस पर पथराव किया. इस हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें एसडीएम भी शामिल हैं. पुलिस ने मस्जिद के आसपास के इलाकों को सील कर दिया और एक दिसंबर तक बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है. इस बीच कांग्रेस की महासचिव और वायनाड से नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने संभल हिंसा पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने राज्य सरकार के रवैये को ‘बेहद दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया और कहा कि इस मामले में प्रशासन ने बिना दूसरा पक्ष सुने और बिना दोनों पक्षों को विश्वास में लिए जल्दबाजी में कार्रवाई की. वह दिखाता है कि सरकार ने खुद माहौल खराब किया. प्रशासन ने जरूरी प्रक्रिया और कर्तव्य का पालन भी जरूरी नहीं समझा.
संभल मामले पर क्या बोलीं प्रियंका
प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “सत्ता में बैठकर भेदभाव, अत्याचार और फूट फैलाने की कोशिश करना न जनता के हित में है, न देश के हित में.’ उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान में लेना चाहिए और न्याय दिलाना चाहिए. प्रियंका ने प्रदेश की जनता से अपील की कि वे किसी भी हालात में शांति बनाए रखें.
पवन खेड़ा ने भी बीजेपी पर साधा निशाना
प्रियंका गांधी से पहले कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के अध्यक्ष पवन खेड़ा ने भी संभल हिंसा पर बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार को घेरा. पवन खेड़ा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का नारा देने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में राज्य सुरक्षित नहीं रह सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि इस हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों पर सीधे फायरिंग की गई, जिससे कई लोग घायल हुए हैं.
हिंसा के पीछे भाजपा और आरएसएस की साजिश
पवन खेड़ा ने इस हिंसा को भाजपा और आरएसएस की साजिश करार दिया और कहा कि इसका उद्देश्य धार्मिक आधार पर समाज में अस्थिरता फैलाना था. उन्होंने प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि शांति और सौहार्द्र बनाए रखना प्रशासन का काम है, लेकिन भाजपा और आरएसएस का एजेंडा समाज को बांटना है.
संभल की हिंसा ने एक बार फिर प्रदेश में संवेदनशील मामलों को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है. प्रियंका गांधी और पवन खेड़ा ने राज्य सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि प्रशासन ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सख्त कदम उठाए हैं. इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई जा रही है, और कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस मुद्दे की गहन जांच होनी चाहिए.
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