जम्मू-कश्मीर में सीट शेयरिंग का खेल जारी, राजनीतिक पार्टियों के बीच बातचीत जारी

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जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही सीट शेयरिंग का मुद्दा फिर से सरकारी कोरीदोरों में है। जम्मू में दो और कश्मीर में तीन सीटों के बीच सीटों का बंटवारा जारी है, जो राजनीतिक दलों के बीच जमकर बातचीत का विषय बना हुआ है।

जम्मू में दो सीटें- उधमपुर और जम्मू

जम्मू के उधमपुर और जम्मू सीटों के साथ ही, कश्मीर में बारहमुला, श्रीनगर, और अनंतनाग सीटों का अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। इसके अलावा, लद्दाख में एक सीट भी है, जो कश्मीर के अलग अधिकांशीय इलाके को प्रतिनिधित्व देती है।

कश्मीर में तीन सीटें- बारहमुला, श्रीनगर, अनंतनाग

वर्तमान में, घाटी के तीनों सीटों पर एनसी के सांसद बैठे हैं, जिन्हें वे 2024 के लोकसभा चुनावों में फिर से जीतना चाहते हैं। कांग्रेस ने उधमपुर, जम्मू, और लद्दाख सीटों को अब पीडीपी को देने के लिए तैयार किया है, लेकिन एनसी ने अपने दावे पर जमीन नहीं खोई है।

लद्दाख में एक सीट

लद्दाख में होने वाले चुनाव में कांग्रेस को समर्थन देने का तैयारी है एनसी, जबकि पीडीपी भी इस सीट के लिए दावेदार है।

विपक्षी पीडीपी ने भी अपनी दावेदारी जारी कर रखी है, विशेष रूप से अनंतनाग सीट पर, जहां वह भारतीय अलाइंस के हिस्सा है। बातचीत के माध्यम से, तीनों पार्टियों के बीच विवादों का समाधान करने की कोशिश हो रही है, लेकिन वर्तमान में यह किसी निर्णय तक नहीं पहुंचा है।

यहां तक कि इंडिया अलाइंस के भविष्य का भी इस समय संदेह है, जैसे ही एनसी किसी सीट को पीडीपी के लिए छोड़ने की संभावना बढ़ती है, तो वह भी उसे अपनी जीत का माध्यम बना सकती है।

राजनीतिक संकट की इस घातक चरण में, यह जानना महत्वपूर्ण है कि किस दल की नीतियों को जनता अपनाती है और किस दल को विश्वास का मान दिया जाता है। इसके अलावा, यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि किस दल की रणनीति इस राजनीतिक खेल में उत्तरदायी है और कैसे यह चुनाव उनके भविष्य को प्रभावित करेगा।