Kangana Ranaut Controversy: कंगना रनौत अपनी आने वाली फिल्म इमरजेंसी में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं, जिसे लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इमरजेंसी के निर्माताओं को सिखों के इतिहास और चरित्र को गलत तरीके से पेश करने के आरोप में कानूनी नोटिस भेजा है। जिसमें फिल्म निर्माताओं से फिल्म से सिख विरोधी भावनाओं को दर्शाने वाले दृश्यों को हटाने को कहा गया है। इस नोटिस को SGPC के कानूनी सलाहकार एडवोकेट अमनबीर सिंह सियाली द्वारा भेजा गया है। ट्रेलर को हटाने के साथ-साथ सिख समुदाय ने लिखित माफी की भी मांग की है।
इसमें कहा गया है कि सिख समुदाय के किसी अन्य व्यक्ति और कट्टरपंथी सिख उपदेशक जरनैल सिंह भिंडरावाला ने कभी खालिस्तान की मांग नहीं की है। ऐसा कोई सबूत या रिकॉर्ड नहीं है जो साबित करता हो कि भिंडरावाले ने कभी किसी से ऐसे शब्द कहे हों। यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासन के दौरान 1975 में भारत में लगाए गए आपातकाल को दर्शाती है।
पहले भी हो चुकी है ट्रोल
इसके अलावा कंगना रनौत किसान आंदोलन को लेकर भी ट्रोल हो चुकी है। कंगना रनौत ने किसान आंदोलन का बांग्लादेश में हो रही हिंसा से तुलना करते हुए कहा थी कि किसान आंदोलन के नाम पर हिंसा फैला रहे थे। अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व कमजोर होता तो बांग्लादेश जैसी स्थिति भारत में हो सकती थी। वहां रेप हो रहे थे, लोगों को मारकर लटकाया जा रहा था। सरकार ने किसान विधेयक वापस ले लिया, वर्ना उपद्रवियों की लंबी प्लानिंग थी। वहीं, भाजपा ने इसे उनका निजी बयान बताते हुए किनारा कर लिया और कंगना को किसान आंदोलन को लेकर कोई भी बयान देने से भी मना कर दिया है।