PM मोदी शिंकुन ला सुरंग परियोजना का करेंगे पहला विस्फोट, जानें टनल के रणनीतिक महत्व और खासियत

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Shinku La Tunnel: ’25वां कारगिल विजय दिवस’ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे साथ ही शिंकुन ला सुरंग परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इस वक्त ’25वां कारगिल विजय दिवस’ के साथ चर्चा में बनी हुई दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग बनने वाली शिंकुन ला सुरंग की खासियत क्या है? और आखिर यह रणनीतिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है? आइए जानते हैं।

पीएमओ द्वारा जारी बयान के मुताबिक, शिंकुन ला सुरंग परियोजना लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटि देगी। और यह पूरी बनने के बाद दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग होगी। पीएम मोदी कारगिल युद्ध स्मारक पर पहले बहादुर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगे इसके बाद रिमोट के जरिए वर्चुअली लद्दाख में शिंकुन ला सुरंग (टनल) परियोजना का पहला विस्फोट करेंगे। पीएम मोदी द्वारा किया जाने वाला पहला विस्फोट काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह टनल के निर्माण की शुरुआत का प्रतीक होगा।

क्या है शिंकुन ला सुरंग परियोजना?

शिंकुन ला सुरंग जिसे शिंकू-ला-सुरंग, शिंकुला सुरंग या शिंगो-ला-सुरंग के नाम से भी जाना जाता है। शिंकुन ला सुरंग परियोजना एक महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट है। शिंकुन ला सुरंग परियोजना में 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें हर 500 मीटर पर क्रॉस रोड होगा। जानकारी के मुताबिक, सुरंग की विशेषताओं में सुपरवाइजरी कंट्रोल और डेटा अधिग्रहण प्रणाली (एससीएडीए), मैकेनिकल वेंटिलेशन, फायर ब्रिगेड और कम्युनिकेशन सिस्टम्स शामिल होंगे। यह सुरंग निमू पर लगभग 15,800 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएगी। इसका उद्देश्य पदुम-दारचा रोड लेह को हर मौसम में कनेक्टिविटि प्रदान करना है। इसका निर्माण होने के बाद यह दुनिया की सबसे ऊंची सुरंग में शामिल होगी।

शिंकुन ला सुरंग परियोजना का महत्व

इस परियोजना से सशस्त्र बलों और उपकरणों की तेज और कुशल आवाजाही में सुधार होगा, साथ ही लद्दाख क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तरी दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए संगठनों की सीमा को मजबूत करना भी है। शिंकुन ला सुरंग का निर्माण साल 2025 के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है और यह जांस्कर घाटी में पर्यटन को भी प्रोत्साहित करेगी, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। साथ ही इस सुरंग से सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होगा। क्योंकि इसके निर्माण के बाद सेना के वाहनों की गतिविधि का पता नहीं चल सकेगा।