महाशिवरात्रि से पहले ही क्यों चर्चा है गाजियाबाद का ये शिव मंदिर, देश के प्रमुख आठ मठों में से एक में गिना जाता है

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गाजियाबाद/उत्तर प्रदेश: सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ मठ महादेव मंदिर में दो दिवसीय फाल्गुन महाशिवरात्रि मेले को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु भगवान दूधेश्वर का जलाभिषेक करेंगे। जलाभिषेक के दौरान शिव भक्तों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए मंदिर के पीठाधीश्वर महंत नारायण गिरि स्वयं सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए हैं। तैयारियों का जायजा लेने के लिए मेयर, नगर आयुक्त, पुलिस कमिश्नर व डीसीपी समेत सभी अधिकारी भी नियमित रूप से मंदिर पहुंच रहे। नए जिलाधिकारी अभी तक मंदिर नहीं पहुंचे हैं।

महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां शुरू

मंदिर को सजाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर मंदिर फूल बंगले के रूप में नजर आएगा और मंदिर को सजाने की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मंदिर के मीडिया प्रभारी एस आर सुथार ने बताया कि महाराजश्री की अध्यक्षता व मार्गदर्शन में मंदिर के स्वयं सेवक सभी तैयारियों में लगे हुए हैं। मेयर सुनीता दयाल, नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक, पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा आदि अधिकारी भी तैयारियां का जायजा ले चुके हैं।

मंदिर में रावण व रावण के पिता ऋषि विश्रवा ने की थी तपस्या

नारायण गिरि ने बताया कि श्री दूधेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास रावण काल से जुडा है। पुलस्त्य के पुत्र और रावण के पिता ऋषि विश्रवा तथा रावण ने इस मंदिर में तपस्या की थी। मंदिर को दुधेश्वर हिरण्यगर्भ महादेव मंदिर मठ के रूप में जाना जाता है। रावण ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए मंदिर में अपना शीश चढ़ाया था। इस मंदिर को देश के प्रमुख आठ मठों में भी गिना जाता है। औरंगजेब के काल में मराठा वीर शिरोमणि छत्रपति शिवाजी यहां आए थे और उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्वार कराया था। उनके द्वारा जमीन खुदवा कर गहराई में बनवाया गया हवन कुंड आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है। यहां पर भगवान शिव खुद प्रकट हुए थे।

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