लखनऊ में जूता कांड: स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंककर हमला

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नई दिल्ली/डेस्क: लखनऊ में स्याही कांड के बाद अब जूता कांड घटित हुआ है। सोमवार को, समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर एक युवक ने जूता फेंककर हमला किया। उन्हें सपा के पिछड़ा वर्ग के महासम्मेलन में शामिल होने के लिए वहां बुलाया गया था।

उनकी कार से उतरते समय, उन पर वकील की ड्रेस में एक युवक ने जूते से हमला कर दिया। यह जूता स्वामी प्रसाद को छूते हुए दूर जा गिरा।

वकील के ड्रेस में आने के बाद हुआ हमला

स्वामी प्रसाद पर जूता फेंकने के बाद, सपा कार्यकर्ताओं ने हमलावर युवक को पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की। पुलिस ने भी हमलावर युवक को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन सपा कार्यकर्ताओं उसे पकड़कर कर पीटने लगे। लेकिन अंत में, पुलिस ने उसे छुड़ा लिया।

इस हमले के बाद स्थिति ओर ज्यादा बिगड़ गई, जब पुलिस आकाश सैनी को अपनी जीप तक पहुंचाने में असमर्थ रही। इसके बाद पुलिस ने उसे पकड़कर गिरफ्तार किया और उसे एक ऑटो में लेकर गवाहों के सामने पेश किया। जिसके बाद आकाश सैनी ने खुद को पूजा-पाठ करने वाला बताया है।

घटना का संदर्भ

यह घटना लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में घटी है, जहां एक समाजवादी पार्टी (सपा) के महासम्मेलन का आयोजन किया गया था। इस महासम्मेलन में सपा के नेता अखिलेश यादव भी पहुंचने वाले थे। तो वही, करीब 11.30 बजे स्वामी प्रसाद मौर्य महासम्मेलन में पहुंचे।

सपा ने इस महासम्मेलन में पिछड़ा वर्ग के महापुरुषों को बुलाया था और विचार-विमर्श के लिए सम्मेलन आयोजित किया गया था। और इसी दौरान हमलावर युवक ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंक दिया।

स्पष्टता की जरूरत

इस घटना के पीछे की अस्पष्टता के चलते, उस युवक के वकील की ड्रेस में आने का उद्देश्य और उसके हमले का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। अब पुलिस युवक से विस्तृत पूछताछ कर, उससे आवश्यक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है।

राजनीतिक समाज में असुरक्षा

यह घटना एक बार फिर से दिखाती है कि राजनीतिक महासम्मेलनों में उपद्रविय घटनाएं बढ़ सकती हैं और यह राजनीतिक समाज के अंदर असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देती है। यह समाचार राजनीतिक महत्वपूर्ण घटनाओं की विपरीत दिशा को दर्शाता है जो व्यक्तिगत हमलों के माध्यम से राजनीतिक मुद्दों को उच्च मानकों तक ले जा सकती हैं।

लेखक: करन शर्मा