नई दिल्ली/डेस्क: सितंबर में संसद का विशेष सत्र बुलाने पर कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर विवाद खड़ा दिया है। सोनिया गांधी ने इस विशेष सत्र को विपक्ष के सहमति के बिना बुलाने का आरोप लगाया, और सरकार से इस सत्र के एजेंडे की मांग की।
18 से 22 सितंबर के बीच, पांच दिवसीय विशेष सत्र का आयोजन किया गया है, जिसके आयोजन के पीछे की वजह और इसके दौरान पास किए जाने वाले बिलों के बारे में सरकार द्वारा कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, “आपने एक विशेष पांच दिवसीय सत्र बुलाया है, जो 18 सितंबर 2023 से शुरू होने वाला है। मैं आपको ध्यान दिलाना चाहती हूं कि, यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ किसी भी परामर्श के बिना बुलाया गया है। हम में से किसी के पास भी इसे लेकर एजेंड उपलब्ध नहीं है।”
विपक्ष ने सरकार से आगामी सत्र के लिए एजेंडे की मांग की है, जिसमें महंगाई, मणिपुर हिंसा, हरियाणा में हिंसा, और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
इस बार के मानसून सत्र के दौरान, मणिपुर हिंसा के मामले में विपक्ष ने विरोध प्रदर्शन किए थे, जिससे संसद में कामकाज में बाधा आई थी। लेकिन आखिरी सप्ताह में कामकाज हुआ और सरकार ने दिल्ली सेवा बिल सहित कई बिल्स को पास किया।
इसका मतलब है कि सरकार अब संसद में एक और विशेष सत्र बुलाकर अन्य महत्वपूर्ण बिलों को पास करने का प्रयास कर रही है। विपक्ष और सरकार के बीच इस विशेष सत्र के दौरान नए मुद्दों पर चर्चा होगी, जिससे राजनीतिक माहौल में नए दस्तावेज बन सकते हैं।
लेखक: करन शर्मा