पुतिन और ICC के बीच में फंसे पुतिन को बिम्सटेक पहुंचाएगा जेल, ICC कोर्ट के आदेश पर होगा अमल!

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22 से 24 अगस्त तक SOUTH AFRICA में BRIC की मीटिंग होनी है। पर इस मीटिंग से पहले ही SOUTH AFRICA की परेशानियों ने दम भरना शुरू कर दिया है। दरअसल,रूस-यूक्रेन जंग को लेकर ICC यानी इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया हुआ है। ICC का कहना है कि पुतिन पर यूक्रेन में युद्ध अपराधों के आरोप लगाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।

पुतिन की गिरफ्तारी का मतलब, युद्ध को निमंत्रण

अगर पुतिन देश से बाहर निकले तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसलिए ये कयास लगाए जा रहे हैं कि जोहानिसबर्ग दौरे पर पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है। जिसके चलते SOUTH AFRICA के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा की नीदें उड़ गई हैं और इसी हड़बड़ाहट में उन्होंने ये चेतावनी जारी की है कि पुतिन को गिरफ्तार करना यानी युद्ध को निमंत्रण देना होगा। चलिये इसे ज़रा समझते हैं…

पुतिन क्यों हो सकते हैं गिरफ्तार?

  1. यूक्रेन हमले के आरोप हैं पुतिन
  2. पुतिन के खिलाफ ICC ने अरेस्ट वारेंट जारी किया है
  3. दक्षिण अफ्रीका ने कोर्ट में इस मुद्दे पर हस्ताक्षर किए हैं
  4. द.अफ्रीका गिरफ्तार करने के लिए कानूनी रूप से मजबूर है
  5. रूस ने दक्षिण अफ्रीका को दिया सख्त संदेश
  6. ‘पुतिन को गिरफ्तार करना युद्ध की घोषणा माना जाएगा’

द. अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका का बिल ऑफ राइट्स लोगों को कुछ अधिकार देता है, जिनकी रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। इन अधिकारों में हर तरह की हिंसा से सुरक्षा भी शामिल है। ऐसा कोई भी काम, जिसकी वजह से रूस की तरफ से हमारे खिलाफ युद्ध की घोषणा होने का जोखिम हो, उसे करना लापरवाही होगी।

उन्होंने ये भी कहा कि यह उनके और सरकार के संवैधानिक दायित्वों के बीच एक टकराव है। आपको बताते चलें कि रामाफोसा ने पिछले महीने ही कई और अफ्रीकी नेताओं के साथ कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से और सैंट पीटसबर्ग में पुतिन से मुलाकात की थी।

इस दौरान उन्होंने युद्ध खत्म करने की बात पर ज़ोर दिया था। अफ्रीकी नेताओं के इस दौरे को यूक्रेन और रूस ने शक की निगाह से देखा था। अब परेशानी ये है कि अगर पुतिन जोहानिसबर्ग जाते हैं तो दक्षिण अफ्रीका उन्हें गिरफ्तार करने से बचेगा या नहीं? रामाफोसा की तरफ से दिया गया बयान।

उसी परेशानी को बताता है कि कैसे अपना पलड़ा बचाने के लिए राष्ट्रपति रामाफोसा ने यह भी कहा है कि वह इस बारे में वो सभी BRICS देशों से भी चर्चा करेंगे। इसीलिए उन्होंने कोर्ट से विचार-विमर्श करने का वक्त भी मांगा है।

अब देखना ये होगा कि क्या पुतिन की गिरफ्तारी होती है या नहीं। अगर गिरफ्तारी हुई तो इसके क्या नतीजा होगा। क्या दक्षिण अफ्रीका अपने 2015 के फैसले को दोहरागा या फिर इस बाहर ICC का साथ देकर नया इतिहास रचेगा ।

रिपोर्ट- रामिश नकवी, डेस्क