नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को Industrial Alcohol पर राज्य के अधिकार को लेकर 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया कि राज्यों को इंडस्ट्रियल अल्कोहल पर कानून बनाने का अधिकार है. शीर्ष अदालत ने 34 साल पुराने सात जजों के फैसले को पलटते हुए फैसला सुनाया कि राज्य से औद्योगिक शराब पर कानून बनाने और रेगुलेट करने की शक्ति को नहीं छीना जा सकता है.
ज्ञात हो कि मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने 18 अप्रैल को सुनवाई के बाद संविधान पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था. 1997 में सात जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था कि औद्योगिक अल्कोहल के उत्पादन पर नियामक शक्ति केंद्र के पास है. 2010 में यह मामला नौ जजों की बेंच को सौंप दिया गया था. जिसके बाद अब पीठ ने अपना फैसला सुनाया है.
Industrial Alcohol पर 8:1 के बहुमत से फैसला
इंडस्ट्रियल अल्कोहल को लेकर सर्वोच्च न्यायालय की नौ न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने बुधवार को 8:1 के बहुमत से फैसला सुनाया. बहुमत का फैसला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस हृषिकेश रॉय, एएस ओका, जेबी पारदीवाला, उज्ज्वल भुइयां, मनोज मिश्रा, एससी शर्मा और एजी मसीह ने दिया. जबकि न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना ने असहमति जताते हुए कहा कि केवल केंद्र के पास ही औद्योगिक अल्कोहल को विनियमित करने की विधायी शक्ति होगी.
1990 के सात न्यायाधीशों की पीठ ने केंद्र के पक्ष में दिया था फैसला
सर्वोच्च न्यायालय ने सिंथेटिक्स और केमिकल्स मामले में 1990 के सात न्यायाधीशों की पीठ के फैसले को खारिज कर दिया. 1990 के सात न्यायाधीशों की पीठ ने तब इस मामले में केंद्र के पक्ष में फैसला दिया था. पीठ ने अपने फैसले में कहा कि राज्य समवर्ती सूची के तहत भी औद्योगिक अल्कोहल को विनियमित करने का दावा नहीं कर सकते.
संविधान की 7वीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य सूची की प्रविष्टि 8 में राज्यों को मदिरा के निर्माण, कब्जे, परिवहन, खरीद और बिक्री पर कानून बनाने की शक्ति देती है, वहीं संघ सूची की प्रविष्टि 52 और समवर्ती सूची की प्रविष्टि 33 में उन उद्योगों का उल्लेख है जिसे संसद द्वारा कानून बनाकर नियंत्रण किया जा सकता है. संसद और राज्य विधानमंडल दोनों समवर्ती सूची में उल्लिखित विषयों पर कानून बना सकते हैं, लेकिन केन्द्रीय कानून को राज्य कानून पर प्राथमिकता प्राप्त होती है.
क्या होती है इंडस्ट्रियल अल्कोहल
बता दें कि Industrial Alcohol इथेनॉल का एक अशुद्ध रूप होता है. जिसका उपयोग आमतौर पर एक सॉल्वेंट के लिए किया जाता है. इंडस्ट्री में उपयोग में लाए जाने वाले एथेनॉल को डी नेचुरेटेड एल्कोहल भी कहा जाता है. यह आम इंसान के उपयोग के लिए नहीं होता है. इसका इस्तेमाल सिर्फ इंडस्ट्री में किया जाता है. इंडस्ट्रियल अल्कोहल का उपयोग फार्मा इंडस्ट्री और केमिकल इंडस्ट्री और क्लीनर, कॉस्मैटिक्स, फ्यूल, डाई, इंक आदि में किया जाता है.