नई दिल्ली। Supreme Court के एक फैसले में 23 हजार खानें और 15 लाख लोगों के रोजगार पर आया संकट टल गया. शीर्ष अदालत ने राजस्थान की भजनलाल सरकार को राहत देते हुए एनवायरमेंट क्लीयरेंस के अभाव में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के खनन बंदी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.
सरकार के इस आदेश के बाद प्रदेश की करीब 23 हजार खानें फिलहाल बंद नहीं होगी. इस मामले में अब फिर से 12 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगी.
Supreme Court में मामले की सुनवाई
ज्ञात हो कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सात नवम्बर तक पर्यावरणीय मंजूरी नहीं लेने वाले खानों को बंद करने का आदेश दिया था. जिसके बाद राज्य की करीब 23 हजार खानों पर बंद होने और 5 लाख लोगों के रोजगार पर का खतरा मंडराने लगा था. जिसके बाद मामले को लेकर राजस्थान सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी.
मामले में आज Supreme Courtमें सुनवाई हुई. सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने मुख्य न्यायाधीश, माननीय न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला, और माननीय न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष अपना पक्ष रखा.
15 लाख से ज्यादा मजदूरों का रोजगार होता प्रभावित
Supreme Court में राज्य सरकार की ओर से अपील में कहा कि 23 हजार खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था प्रभावित हो जाएगी और 15 लाख से ज्यादा मजदूरों का रोजगार प्रभावित हो जाएगा. प्रभावित मजदूरों में शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग शामिल है.