संदेशखाली मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार, जानिए क्या है वजह?

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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में सुप्रीम कोर्ट ने संदेशखाली गांव में हुए कथित यौन उत्पीड़न मामले की जांच और सुनवाई को पश्चिम बंगाल से बाहर स्थानांतरित करने और केंद्रीय जांच ब्यूरो या एसआईटी से जांच कराने की मांग को इंकार कर दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ली है। महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख के खिलाफ जमीन हड़पने और यौन शोषण के आरोप लगाए हैं।

याचिका पर सुनवाई से क्यों किया इनकार?

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की मांग को इंकार करते हुए कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान ले लिया है और इस पर सुनवाई कर रहा है। याचिकाकर्ता ने अब सुप्रीम कोर्ट से याचिका के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख करने की इजाजत मांगी है।

बताया जा रहा है कि संदेशखाली गांव में तनाव बना हुआ है और महिलाएं इस घटना के बारे में आरोप लगा रही हैं। इसमें टीएमसी नेता शाहजहां शेख का नाम आया है और सियासी जंग का मैदान बना हुआ है। यह मामला पश्चिम बंगाल की सियासत में बड़ा मुद्दा बन चुका है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर हुई याचिका पर दो जजों की खंडपीठ में सुनवाई की गई है। याचिकाकर्ता ने मुआवजे की मांग और पश्चिम बंगाल पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है और सुनवाई जारी है।

क्या है मामला?

बता दें कि संदेशखाली जाते वक्त बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को रोके जाने की घटना सामने आई थी। मजूमदार पुलिस कर्मियों के साथ झड़प में घायल भी हो गए थे। संदेशखाली इलाके में बड़ी संख्या में महिलाओं के तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता शाहजहां शेख और उनके समर्थकों पर जमीन हड़पने और यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाए जाने के बाद से ही ये मामला तनाव पूर्ण स्तिथि में हैं।