नई दिल्ली/डेस्क: कर्नाटक सरकार का एक हैरान करने वाला फैसला सामने आया है। अब सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है।
दरअसल, एक हफ्ते पहले ही कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों और ईसाइयों को खुश करने के लिए अपने बजट में वक्फ बोर्ड की संपत्ति के विकास के लिए 300 करोड़ रुपये और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।
ऐसे में कर्नाटक में इसका जमकर विरोध हुआ और सभी का सवाल था कि सरकार ये पैसा कहां से लाएगी और हिंदू समुदाय के लिए क्या अलग करेगी। अब इन दोनों सवालों का जवाब भी मिल गया है।
जी हां, अब कर्नाटक में मंदिरों को भी टैक्स देना होगा। कर्नाटक में एक करोड़ रुपये से अधिक आय वाले मंदिरों से 10 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा और जिन मंदिरों की आय 10 लाख से एक करोड़ रुपये के बीच है, उन्हें पांच फीसदी टैक्स देना होगा।
यह सब ‘कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक 2024’ के लागू होते ही शुरू हो जाएगा, जिसे सीएम सिद्धारमैया सरकार ने पारित कर दिया है और इस बिल के पारित होने के बाद बीजेपी ने सिद्धारमैया सरकार को ‘हिंदू विरोधी’ बताया है।
लेखक: करन शर्मा