Punjab News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने राजोआना को उनके भाई कुलवंत सिंह राजोआना की मृत्यु के बाद बुद्धवार (20 नवंबर) को लुधियाना के मंजी साहिब गुरुद्वारे में आयोजित भोग समारोह में शामिल होने के लिए तीन घंटे (सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक) की पैरोल दे दी है. इससे पहले, पटियाला जेल प्रशासन ने उनकी पैरोल अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. बता दें कि राजोना के भाई का नवंबर के पहले सप्ताह में निधन हो गया था.
ऐसा पहली बार नहीं है जब राजोआना को पैरोल दी गई हो. इससे पहले जनवरी 2022 में उनके पिता के निधन के बाद भी उन्हें भोग और अंतिम अरदास में पुलिस कस्टडी में शामिल होने की अनुमति दी गई थी.
कौन हैं बलवंत सिंह राजोआना ?
बलवंत सिंह राजोआना पंजाब पुलिस में एक पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल था, जिसे 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में दोषी पाया गया था. इस हत्याकांड में 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ स्थित पंजाब सिविल सचिवालय के बाहर एक विस्फोट में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में चंडीगढ़ की विशेष अदालत ने 2007 में बलवंत सिंह राजोआना को मौत की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा.
हालांकि, राजोआना ने कई बार फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने और रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई में देरी को लेकर वह नाराजगी भी जता चुका है.
बता दें कि राजोआना पिछले 28 साल से जेल में हैं. उसके खिलाफ फांसी की सजा को लेकर कानूनी प्रक्रिया जारी है.