पंजाब में जारी है किसान और मिल मालिकों के बीच संघर्ष, समाधान के बावजूद जानें कहां अटकी है गाड़ी

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पंजाब में जारी है किसान और मिल मालिकों के बीच संघर्ष, समाधान के बावजूद जानें कहां अटकी है गाड़ी

नई दिल्ली। पंजाब के चावल मिल मालिकों द्वारा गोदामों में धान रखने से इनकार को लेकर जारी प्रदर्शन के बीच सरकार से मिले आश्वासन के बाद मिल मालिकों ने हड़ताल वापस ले ली. जिससे धान खरीद का रास्ता साफ हो गया था. लेकिन अब फिर से मिल मालिक और धान कमीशन एजेंट सरकारी धान रखने से इनकार कर रहे हैं।

सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव डालने का आरोप

ज्ञात हो कि अक्टूबर में खरीफ सीजन के जोर पकड़ने के चलते और धान की आपूर्ति में तेजी आने के साथ ही ‘मंडियों’ में पहले से उपलब्ध धान के स्टॉक न उठाए जाने से किसान और सरकार दबाव में आ गए हैं. इसको लेकर पंजाब सरकार ने शुक्रवार को एक पत्र जारी कर धान की उठान, भंडारण और मिलिंग के प्रबंधन के लिए उठाए जाने वाले कदमों की रूपरेखा तैयार की है. जिसको लेकर मिल मालिकों ने सरकार पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव डालने का आरोप लगाया है.

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5 अक्टूबर को एसोसिएशन ने ली थी हड़ताल वापस

इससे पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान के आश्वासन पर पंजाब मिलर्स एसोसिएशन ने 5 अक्टूबर को अपनी हड़ताल वापस ले ली. मुख्यमंत्री ने मालिकों को आश्वासन दिया था कि राज्य सरकार उनकी जायज चिंताओं को केंद्र के समक्ष उठाएगी. हालांकि किसानों ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक सरकार ठोस कार्रवाई के साथ उनकी चिंताओं का समाधान नहीं करती, तब तक ऐसी रणनीति काम नहीं करेगी.

क्या है मिल मालिकों की मांग?

अखिल भारतीय शैलर संघ के अध्यक्ष प्रेम गोयल ने बताया कि जब तक इस समस्या का कोई वास्तविक समाधान नहीं होता, हम मौजूदा सरकारी शर्तों के तहत अपनी मिलों में धान नहीं रखेंगे. उन्होंने कहा कि पंजाब और केंद्र सरकारें मिलकर मुद्दों को सुलझा सकती हैं, लेकिन पंजाब उन्हें केंद्र के सामने प्रभावी ढंग से पेश करने में विफल रहा है. किसानों के साथ धान खरीद में मदद करने वाले कमीशन एजेंट भी सरकार से 2.5 प्रतिशत कमीशन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं.  

इन शर्तों पर मालिकों ने ली थी हड़ताल वापस


अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों और सरकार के बीच सहमति बनने के पीछे की मुख्य वजहें थी.

  • केंद्र सरकार ने दिसंबर तक पंजाब में 40 लाख टन और मार्च 2025 तक 90 लाख टन की क्षमता का स्थान खाली करने पर सहमति जताई.
  • राज्य सरकार ने मिल मालिकों पर परिचालन संबंधी बोझ कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की.
  • मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मिल मालिकों को आश्वासन दिया कि वे केंद्र के साथ उनके मुद्दों को सुलझाएंगे. 

-गौतम कुमार

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