कागजों में अस्पताल बंद… तो फिर कैसे चलाया जा रहा है ये अस्पताल ?

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उत्तर प्रदेश: हरदोई शहर में कैनाल रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन से प्रसव होने के बाद महिला की हालत बिगड़ गई और परिजन अस्पताल से रेफर होने के बाद प्रसूता को लखनऊ ले गये, जहां चिकित्सकों ने बताया कि उसकी मौत काफी समय पहले हुई है. प्रसूता की मौत की घटना से गुस्साएं परिजनों ने हंगामा काटा और अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारियों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है. जिसके बाद हॉस्पिटल कर्मी अस्पताल बंद कर भाग गए. यह वहीं अस्पताल है, जो कागजों में 1 साल पहले बंद हो गया था, लेकिन वर्तमान समय मे चल रहा था.

कोतवाली देहात के कौढ़ा गांव निवासी नौशाद ने अपनी पत्नी शाजीदा को प्रसव पीड़ा होने पर बुधवार को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया था. पति का आरोप है कि जहां पर महोलिया शिवपार की आशा ने उसे जिला महिला अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन से प्रसव कराने की सलाह देकर शहर में कैनल रोड स्थित एक निजी अस्पताल ले गई. जहां पर बुधवार की देर रात में महिला का प्रसव ऑपरेशन से कराया गया. यहां दो जुड़वा बेटे का जन्म हुआ. इसके बाद खून की कमी होने की बात कह कर 20 हजार रूपये जमा कराए गए और महिला को ब्लड चढ़ाया गया.

गुरुवार की सुबह करीब 4 बजे महिला की हालत बिगड़ गई, इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर ने एक निजी एंबुलेंस से उसे लखनऊ भेजा. वहां से उसे यह कहकर वापस भेज दिया गया कि महिला कि मौत काफी समय पहले हो चुकी है. जैसे ही परिजनों को अनहोनी की जानकारी हुई, तो परिजनों ने हंगामा काटना शुरु कर दिया.

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