History Of Lok Sabha Speaker Election: लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद से ही लोकसभा स्पीकर को लेकर सियासी पारा हाई है। आज एनडीए ने ओम बिड़ला को स्पीकर पद के लिए नाम प्रस्तावित किया है। वहीं इसके बाद तुरंत इंडिया गठबंधन ने भी के सुरेश को आगे कर दिया है। कांग्रेस इस बार स्पीकर पद के चुनाव को लेकर लगातार अपने दावे कर रही है और उनका कहना है कि अगर सरकार डिप्टी स्पीकर पद विपक्ष को देती है तो वो निर्विरोध स्पीकर का समर्थन करेगी।
पहली बार 1952 में हुआ था सत्ता और विपक्ष के बीच स्पीकर का चुनाव ?
लोकसभा स्पीकर को लेकर पहले भी सत्ता और विपक्ष आमने सामने रही है। बात 1952 की है आज़ादी के बाद पहली बार स्पीकर पद को लेकर चुनाव इस वक्त हुआ था। कांग्रेस ने जीवी मावलंकर को मैदान में उतारा था वहीं उनके सामने शंकर शांताराम मोरे थे। जीवी मावलंकर को 394 वोट मिले वहीं शंकर शांताराम मोरे 55 वोट मिले। इसके साथ ही जीवी मावलंकर आज़ाद भारत के पहले लोकसभा स्पीकर बने।
दूसरी बार 1976 में आमने सामने थे स्पीकर पद के लिए दो लोग
लोकसभा स्पीकर पद के लिए दूसरी बार चुनाव पांचवे लोकसभा में 5 जनवरी 1976 को आपातकाल के दौरान हुआ था। हालाँकि वो उपचुनाव था। तब बलिराम भगत के पक्ष में 344 वोट जबकि उनके ख़िलाफ़ उतरे जगन्नाथ राव जोशी को 58 वोट मिले थे। बता दें कि बलिराम भगत कई बार केंद्रीय मंत्री भी रहें थे।
लेखक – आयुष राज