Biggest cyber attacks in history: ये इतिहास के 10 सबसे बड़े साइबर अटैक; जिन्होंने पूरी दुनिया को हिला दिया…

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Biggest cyber attacks in history: साइबर अटैक आधुनिक युग में एक गंभीर खतरा बन चुके हैं। साइबर अटैक केवल अस्थायी समस्याएं और आउटेज नहीं पैदा करते, बल्कि कभी-कभी ये कंपनियों की प्रतिष्ठा को भी बर्बाद कर सकते हैं और उनके वित्तीय स्थिति को भी गहरा नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसी ही एक साइबर आपदा से आज (19 जुलाई) को माइक्रोसॉफ्ट को गुजरना पड़ रहा है। इसकी वजह भले ही CrowdStrike का डाउन होना माना जा रहा हो, लेकिन कई बार ऐसा घटनाओं के पीछे साइबर ठगों या किसी वायरस का हाथ होता है। इस लेख में हम इतिहास के 10 सबसे बड़े साइबर अटैक की चर्चा करेंगे।

1- मेलिसा वायरस (Melissa Virus)

1999 में, मेलिसा वायरस ने इंटरनेट के शुरुआती दिनों में भारी तहलका मचाया। यह वायरस माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के मैक्रो फंक्शनैलिटी का फायदा उठाकर फैल गया और ईमेल से संक्रमित दस्तावेज भेजने लगा। इसके परिणामस्वरूप, बड़े पैमाने पर सर्वर और इनबॉक्स जाम हो गए, जिससे कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल और अमेरिकी मरीन कॉर्प्स को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इसका आर्थिक प्रभाव लगभग 80 मिलियन डॉलर था।

2- MOVEit हमला

मई 2023 में, प्रोग्रेस सॉफ़्टवेयर ने MOVEit ट्रांसफर सॉफ़्टवेयर में एक शून्य-दिन की कमजोरी की सूचना दी, जिससे हैकर्स ने ग्राहक डेटा चुराया। इस हमले का शिकार ब्रिटिश एयरवेज, बूट्स और बीबीसी जैसी कंपनियाँ और कई सरकारी एजेंसियाँ बनीं। इस हमले ने 60 मिलियन लोगों के डेटा को उजागर किया और इसके परिणामस्वरूप वित्तीय नुकसान और दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा।

3- NASA साइबर हमला

1999 में, 15 वर्षीय हैकर जोनाथन जेम्स ने NASA की अंतरिक्ष स्टेशन और पेंटागन के कंप्यूटर सिस्टम को हैक किया। जेम्स ने 1.7 मिलियन से अधिक एप्लिकेशन का सोर्स कोड डाउनलोड किया और NASA के कर्मचारियों की संवेदनशील ईमेल्स को पढ़ा। इस हमले ने सरकारी एजेंसियों के लिए साइबर सुरक्षा के महत्व को उजागर किया।

4- एस्तोनिया साइबर हमला (Estonia cyber attack)

2007 में, एस्तोनिया (Estonia) पर एक बड़े पैमाने पर साइबर हमला हुआ जिसने देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया। यह हमला डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमले के माध्यम से हुआ, जिससे सरकारी, बैंकिंग और मीडिया वेबसाइट्स बंद हो गईं। इस हमले ने एस्तोनिया को साइबर सुरक्षा में एक वैश्विक नेता बनने के लिए मजबूर किया।

5- प्ले स्टेशन नेटवर्क हमला (PlayStation Network Attack)

2011 में, सोनी के प्ले स्टेशन नेटवर्क (PSN) पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ, जिसमें 77 मिलियन उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो गई। यह हमला लगभग 23 दिनों तक चला और सोनी को $1781 मिलियन का नुकसान हुआ। यह घटना सोनी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।

6- एडोब साइबर हमला (Adobe cyber attack)

2013 में, एडोब पर एक साइबर हमला हुआ जिसमें 38 मिलियन ग्राहक खातों की जानकारी चोरी हो गई। इस हमले में एडोब के सॉफ्टवेयर उत्पादों के सोर्स कोड भी चुराए गए। इस हमले के बाद कंपनी की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान हुआ और उसे $1 मिलियन से अधिक का जुर्माना भी भुगतना पड़ा।

7- 2014 याहू हमला (Yahoo)

2014 में याहू पर एक राज्य प्रायोजित साइबर हमला हुआ जिसमें लगभग 500 मिलियन खातों की जानकारी चुराई गई। याहू ने इस हमले की जानकारी 2016 में दी, जिससे उपयोगकर्ताओं को पहचान की चोरी और फ़िशिंग हमलों का सामना करना पड़ा। याहू को $117.5 मिलियन का जुर्माना भी भरना पड़ा।

8- यूक्रेन पावर ग्रिड हमला (Ukraine power grid attack)

दिसंबर 2015 में, यूक्रेन पर पहला सफल साइबर हमला हुआ जिसने राष्ट्रीय ग्रिड को प्रभावित किया। इस हमले के परिणामस्वरूप 230,000 ग्राहक अंधेरे में चले गए। इस हमले का श्रेय एक उन्नत स्थिर खतरा समूह “सैंडवर्म” को दिया जाता है।

9- वाना क्राई रैंसमवेयर हमला (2017)

2017 में, वाना क्राई रैंसमवेयर ने दुनिया भर में कंप्यूटर सिस्टम को प्रभावित किया। इस हमले ने 150 देशों में फैलाव किया और अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। पीड़ितों से बिटकॉइन में फिरौती मांगी गई थी।

10- मैरियट होटल डेटा ब्रेच

2018 में, मैरियट होटल समूह पर एक विशाल डेटा ब्रेच हुआ जिसमें लगभग 500 मिलियन मेहमानों की व्यक्तिगत जानकारी उजागर हो गई। यह समस्या वर्षों से चल रही थी और इसके बाद भी 2020 में एक और डेटा ब्रेच हुआ।

साइबर अटैक क्या है?

साइबर अटैक वह प्रयास है जो किसी कंप्यूटर सिस्टम, नेटवर्क, या डिवाइस को अक्षम, हेरफेर, या अनधिकृत रूप से एक्सेस करने के लिए किया जाता है। ये हमले व्यक्तियों, व्यवसायों, सरकारों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को निशाना बना सकते हैं।

साइबर अटैक के प्रकार

  • मैलवेयर: किसी सिस्टम को नुकसान पहुँचाने के लिए डिज़ाइन किया गया दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर।
  • फिशिंग: संवेदनशील जानकारी चुराने के लिए धोखाधड़ी ईमेल या संदेश।
  • डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल-ऑफ-सर्विस (DDoS) हमले: एक सिस्टम को अधिक ट्रैफिक से ओवरलोड करना।
  • मैन-इन-द-मिडल (MitM) हमले: दो पक्षों के बीच संचार को इंटरसेप्ट करना।
  • शून्य-दिन हमले: ऐसे सुरक्षा खामियों का फायदा उठाना जिनके बारे में विक्रेता को जानकारी नहीं होती।

बता दें कि, साइबर अटैक एक गंभीर खतरा हैं और इससे बचने के लिए हमें मजबूत पासवर्ड, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) का उपयोग करना और सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखना चाहिए।