भाजपा से ज्यादा कांग्रेस पर इन नेताओं ने बनाया दबाव!

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नई दिल्ली/डेस्क: कांग्रेस जनवरी 2024 में इंडिया गठबंधन के साथ सीट शेयरिंग पर चर्चा कर सकती है, लेकिन कई राज्यों के क्षत्रपों ने अभी से ही शक्ति प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने हाल के पांच राज्यों के चुनावों में तेलंगाना में जीत दर्ज की है, लेकिन गठबंधन में कुछ नेता खुद को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पर दबाव बना रहे हैं।

विभिन्न राज्यों में कुछ क्षत्रपों ने खुद को कांग्रेस से ज्यादा मजबूत दिखाने के लिए दबाव की राजनीति शुरू कर दी है। बिहार, पश्चिम बंगाल, और महाराष्ट्र के नेता इसमें अग्रणी हैं। कांग्रेस की हार के बावजूद, कुछ स्थानीय क्षत्रप अपने राज्यों में बढ़ते दिख रहे हैं और गठबंधन में अपना वजन बढ़ाने के लिए तैयार हैं।

राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने भाजपा के साथ मुकाबला किया, लेकिन वहीं कोई स्थानीय दल नहीं था। इसके बाद, इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की दबदबा कम हो गया है, और स्थानीय नेता खुद को कांग्रेस से अधिक मजबूत मान रहे हैं।

किन राज्यों में दिखाया जा रहा है शक्ति प्रदर्शन?

पश्चिम बंगाल: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने राज्य में कांग्रेस की बजाय खुद को ज्यादा मजबूत बताया है। उन्होंने बताया है कि बंगाल में तृणमूल कांग्रेस लड़ेगी और भाजपा को हराएगी।

बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ललन सिंह को अध्यक्ष पद से हटाकर खुद इस जिम्मेदारी को संभाला है, जिससे उनका गठबंधन में बार्गेनिंग पावर बढ़ सकता है। दिल्ली में ‘देश का प्रधानमंत्री कैसा हो, नीतीश कुमार जैसा हो’ के नारे भी लगे हैं, और माना जा रहा है कि नीतीश कुमार को हमेशा से प्रधानमंत्री बनने की इच्छा रही है।

महाराष्ट्र: उद्धव ठाकरे की पार्टी ने खुद को महाराष्ट्र में मजबूत बनाए रखने का प्रयास किया है। उद्धव के करीबी नेताओं ने महाराष्ट्र में कई सीटों पर चुनाव लड़ने की बात की है। संजय राउत ने हाल ही में बताया है कि पार्टी 23 सीटों पर लड़ती आई है।

कांग्रेस पर दबाव क्यों?

कांग्रेस देश का प्रमुख विपक्षी दल है, जिसके पास भाजपा के सामने बड़ा जनसमर्थन है। लेकिन स्थानीय नेता चाहते हैं कि उनके राज्यों में वे कांग्रेस से अधिक शक्तिशाली हों। इसी कारण स्थानीय दल लोकसभा सीटों में अधिक से अधिक हिस्सा प्राप्त करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

लेखक: करन शर्मा