हजारों साल पहले की जिंदगी जी रहे हैं ये लोग, भारत में बिना कपड़ों के रहने वाली जनजाति

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नई दिल्ली/डेस्क: भारत विविधताओं से भरा देश है। यहां कई संस्कृतियों का समावेश देखने को मिलता है। हमारे देश में सैकड़ों समुदाय हैं, और समय के साथ इनमें कई बदलाव आए हैं। टेक्नोलॉजी के साथ समाज भी विकसित हुआ है, लेकिन कई ऐसे भी समुदाय हैं जो आज भी हजार साल पहले वाली जिंदगी जी रहे हैं। भारत के अलग अलग हिस्सों में कई ऐसी जनजातियां हैं आज भी अपने पुराने तौर तरीकों से रहती हैं। आइये जानते हैं भारत के एक ऐसे ही जनजाति के बारे में। 

आदिमानव की जिंदगी

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में एक ऐसा समुदाय रहता है, जो कपड़े नहीं पहनता। ये लोग आज भी हजारों साल पहले की लाइफ स्टाइल फॉलो कर रहे हैं। इन्हें जारवा जनजाति कहा जाता है। जारवा के लोग आज भी आदिमानव की तरह रहते हैं और उन्हें बहुत खतरनाक भी माना जाता है। 

अफ्रिका से क्या है कनेक्शन?

ये जनजाति 50 हजार साल पहले अफ्रिका से भारत आई थी। उनकी संख्या महज 400 के करीब बची है। इस जनजाति के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से इन्हें विशेष अधिकार मिला हुआ है। इस जनजाति के लोगों पर देश के कानून लागू नहीं होते। जारवा कच्चा मांस खाते हैं, और उन्हें अपने क्षेत्र में बाहरी का आना पसंद नहीं है। जारवाओं के पास विषैले हथियार होते हैं, जिससे इंसान की मौत हो सकती है।

क्रूर और हिंसक जनजाति

जारवा के लोग आज भी तीर और धनुष से शिकार करते हैं। इस जनजाति के लोग काफी हिंसक भी माने जाते हैं। बिना कपड़ों के रहने वाले इस जनजाति के लोग बहुत ही क्रूर और घातक होते हैं। पुलिस के पास भी इनके मामलों में दखल देने का अधिकार नहीं है। 

जारवा वर्तमान आधुनिकता से कोसों दूर है। ये जनजाति आज भी हजारों साल पीछे की जिंदगी जी रही है। उन्हें बाहरी दुनिया का कोई अंदाजा नहीं है। पुराने जमाने की तरह जंगल में रहना और शिकार करके कच्चा मांस खाना उनकी रोजमर्रा है।

जारवाओं की तस्वीर लगाना अपराध

आपको बता दें कि, अंडमान निकोबार प्रशासन इस जनजाति की किसी भी तरह की तस्वीर को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की इजाजत नहीं देता। जारवाओं की फोटो सोशल मीडिया पर लगाना अपराध माना जाता है। अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसे 3 साल की सजा हो सकती है।

रिपोर्ट – रोहन मिश्रा

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