1978 से धंस रहा सिरमौर का यह गांव, प्रत्येक वर्ष क्षेत्र में होती हैं भारी तबाही

Published

नाहन/हिमाचल प्रदेश: पिछले दो महीनों से हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन के चलते भारी तबाही देखने को मिल रही है इस दौरान बहुत से लोगों की जान भी जा चुकी हैं। अभी तक राज्य को बहुत ज्यादा नुकसान हो चुका है। वहीं हिमाचल में एक गांव ऐसा भी है जो साल 1978 से धंस रहा है जी हां हम बात कर रहे है जिला सिरमौर के विधानसभा क्षेत्र शिलाई के गांव अम्बोंन की।

5 दशक से धंस रहा गांव

यह गांव पिछले 5 दशक से धंसता जा रहा हैं। लोगों के घरों समेत खेत खलियान बर्बादी की ओर अग्रसर हैं। ग्रामीण मजबूरन जान बचाने के लिए क्षेत्र से पलायन करने लगे हैं। गांव खाली होता जा रहा हैं लेकिन प्रशासन व सत्ताधारी नेता सुध लेने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहे हैं। इस बार फिर से बरसात के चलते क्षेत्र में भारी तबाही की तस्वीरें सामने आई हैं। जहां लोगों के घरों में मलबा घुसा है वहीं फसलें बर्बाद हो चुकी है।

पलायन करने को मजबूर ग्रामीण

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि,  वर्षों से हो रहे भूस्खलन से  ग्रामीण परेशान हैं। बीते 55 सालों से गांव धंसता जा रहा है। प्रत्येक वर्ष भारी बरसात के दौरान गांव में पहाड़ी से भूस्खलन होने के बाद सारा मलबा लोगों के घरों में घुसता है खेत खलियान बर्बाद हो चुके हैं इस वर्ष भी भारी बरसात क्षेत्र में हुई है जिसके बाद क्षेत्र की तबाही की तस्वीर किसी से छिपी नहीं है। मुख्यमंत्री स्वयं क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि, गांव से लोग लगातार पलायन कर रहे हैं गांव खाली होता जा रहा है। अगर जल्द ही समस्या का समाधान ना हुआ तो वह दिन दूर नहीं जब गांव में एक भी परिवार देखने को नहीं मिलेगा। गांव की लगातार धंसने की समस्या से स्थायी निजात पाने के लिए मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को वैज्ञानिक जांच करवाने का आश्वासन दिया है लेकिन लगातार क्षेत्र में हो रही भारी बरसात से लोग आज भी डर के साए में जी रहे हैं।

रिपोर्ट: धनगुरु रामदास

लेखक: विशाल राणा