लीबिया में तूफान-बाढ़ से हजारो लोगों की मौत, चारों तरफ लाशों का अंबार

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नई दिल्ली/डेस्क: अफ्रीकी देश, लीबिया में डेनियल तूफान और बाढ़ ने भयंकर तबाही मचा दी है। तूफान के बाद 10 हजार आबादी वाले डेर्ना शहर के पास दो डैम टूट गए हैं, जिससे पूरा शहर तबाह हो गया है।

वहीं, अलजजीरा ने लोकल अथॉरिटीज के हवाले से बताया कि लीबिया में अब तक 6,900 लोगों की मौत हो चुकी है, और इसके आगे भी आंकड़ा बढ़ सकता है। सऊदी अखबार ‘द नेशनल’ के एक जर्नलिस्ट के मुताबिक, अब तक 6,886 शव मिल चुके हैं, लेकिन सिर्फ 700 शव की पहचान हो सकी है, और 20,000 से ज्यादा लोग लापता हैं।

तुर्किये, इटली, कतर और UAE मदद पहुंचा रहे हैं

लीबियन सिक्योरिटी फोर्स के मुताबिक, 4 देश – तुर्किये, इटली, कतर और UAE – बाढ़ प्रभावित इलाकों में मदद पहुंचा रहे हैं, और वहां मेडिकल इक्विपमेंट्स, दवाएं और खाना पहुंचाया जा रहा है। मिस्र, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और कुवैत ने भी मदद करने की बात कही है। संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अमेरिका भी इमरजेंसी फंड जारी कर रहे हैं।

चारों तरफ लाशों का मंजर

पूरे डेर्ना शहर में बाढ़ और एयरपोर्ट्स की हालत बेहद खराब है, और लाशों की शिनाख्त करना भी मुश्किल हो रहा है। हेल्थ मिनिस्टर ने बताया कि कई इलाकों में पानी में लाशें तैरती नजर आ रही हैं, और कई घरों में शव सड़ चुके हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि समंदर में भी लाशें तैर रही हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि मरने वालों को दफनाने की जगह नहीं बची है, और लाशें सड़कों पर भी दिख सकती हैं।

अलजजीरा के मुताबिक, पोर्ट सिटी डेर्ना के पास दो डैम थे। इनमें से एक डैम की हाइट 230 फीट थी, और यही पहले तबाह हुआ। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन डैम्स की 2002 से देखरेख नहीं हुई थी।

बचाने गए सैनिक भी हुए लापता

रेस्क्यू ऑपरेशन में लगे 123 सैनिकों के बारे में भी पता नहीं चल रहा है, और देश में मौजूद चुनिंदा एयरपोर्ट्स अब हवाई जहाजों के लिए उपयुक्त नहीं हैं, जिससे मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है। वर्ष 2011 के बाद से ही लीबिया में कोई स्थिर सरकार नहीं है, और देश का पूर्वी हिस्सा 80% तबाह हो चुका है। यहां अनेक कबीले हैं, और प्रत्येक कबीले के अपने अपने क्षेत्र में शासन है।

इस संकट के समय, अमेरिका, स्पेन, तुर्किये, UN और रेडक्रॉस भी इसे समर्थन देने के लिए कदम उठा रहे हैं, लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर के भारी नुकसान के कारण, मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है।

इसी डेनियल तूफान ने पिछले हफ्ते ग्रीस, तुर्किये, और बल्गारिया में भी तबाही मचाई थी, जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई थी। यह तय है कि तूफान अब लीबिया की तरफ बढ़ रहा है, लेकिन पांच दिन में यहां कोई कदम उठाए ही नहीं गए हैं। सबसे ज्यादा तबाही दो डैम फूटने से हुई है, और तीसरा डैम भी अब खतरे के पास है। लीबिया की ज्यादातर आबादी समुद्र किनारों पर है, इसलिए जब डेनियल तूफान यहां के कोस्टल इलाकों से टकराया तो बर्बादी ज्यादा हुई।

लेखक: करन शर्मा