जयुपर/राजस्थान: राजस्थान की जनता को अब टोल बूथों पर इंतजार करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि राजस्थान सरकार अब सभी टोल बूथों को फास्टटैग से कनेक्ट करने जा रही है। बुधवार (28 अगस्त) को राजस्थान की उप मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग मंत्री दिया कुमारी ने RSRDC बोर्ड के साथ मिटिंग की। मीडिंग की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने टोल निति में सुधार के महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी। साथ ही उन्होंने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि प्रदेश के सभी टोल बूथों पर टोल कलेक्शन फास्टैग से कराएं और साथ ही सभी स्थानों पर रेट बोर्ड लगाएं।
इसपर उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि टोल नियमों में किए गए इन महत्वपूर्ण परिवर्तनों से टोल संवेदकों (सेंसर) में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तथा टोल टैक्स एकत्रण की प्रक्रिया नियमित एवं सुचारू होने से राजस्व में वृद्धि होगी। उन्होंने आगे कहा कि RSRDC बोर्ड मिटिंग में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
बोर्ड मिटिंग के महत्वपूर्ण निर्णय
वर्तमान में लागू टोल पालिसी के कुछ बिन्दुओं को समय की आवश्यकता के अनुसार संशोधित किया गया है। वर्तमान में लागू सेंसरों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। साथ ही टोल की कॉन्ट्रैक्ट की अवधि 2 वर्ष से घटाकर 1 वर्ष कर दी गई है। जिसे अधिकतम 3 माह बढ़ाया जा सकेगा। नियमों का पालना नहीं करने पर 1 लाख रुपये प्रति त्रुटि की पेनेल्टी का प्रावधान रखा गया है। यह दस्तावेज एन.एच.आई के नियमों के अनुरूप तैयार किया गए हैं। साथ ही टोल रोड पर टोल टैक्स एकत्र करने हेतु नई आर.एफ.क्यू कम आर.एफ.पी दस्तावेज तैयार किए गए हैं। इसके तहत संवेदक की नेट वर्थ निविदा लागत की 20 प्रतिशत होना आवश्यक है।
मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट का प्रावधान
किसी कारण टोल का रेगुलर कॉन्ट्रैक्ट नहीं होने पर मैन पावर ऐजेन्सी के द्वारा टोल टैक्स एकत्र करने का आर.एफ.क्यू कम आर.एफ.पी तैयार किया गया है। जिन सडकों पर निविदाएं सफल नहीं हो रही हैं अथवा टोल वसूली कार्य एक्सटेंशन पर चल रहे हैं, उन पर यह प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से लागू कर फास्टैग के आधार पर टोल टैक्स एकत्र करने का कार्य सुचारू किया जायेगा। रिडकोर विभाग में 50 प्रतिषत से अधिक टोल प्लाजा पर मैन पावर कॉन्ट्रैक्ट के द्वारा टोल एकत्र किया जा रहा है। उसी के अनुसार दस्तावेज तैयार किए गए हैं।
स्टेट हाईवे पर वे-साईड सुविधाएं विकसित करें- उप मुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री ने बोर्ड मिटिंग में निर्देश दिये की प्रदेश के स्टेट हाईवे महत्वपूर्ण स्थानों को कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं और इन पर लाखो लोग गुजरते हैं। इनकी सुविधा के लिं इन स्टेट हाईवेज पर वे-साईड सुविधाएं जैसे रेस्टोरेन्ट, सुविधाऐं आदि विकसित करने का तत्काल परिक्षण किया जाए।
फास्टैग कमाण्ड सेंटर का किया निरीक्षण
उप मुख्यमंत्री ने आरएसआरडीसी भवन में स्थापित फास्टैग कमाण्ड सेंटर का निरीक्षण किया। इस सेन्टर के माध्यम से प्रदेश के सभी फास्टैग आधारित संचालित टोल प्लाजाओं की लाईव मोनिटरिंग की जा सकती है। इन सभी टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से कमाण्ड सेंटर में लगी स्क्रीन्स पर टोल्स का लाईव व्यू उपलब्ध होता है। इसके साथ ही कमाण्ड सेंटर में लगे डैशबोर्ड पर ये देखा जा सकता है कि किस प्रकार के और कितने वाहन टोल से गुजर रहे हैं। वहां एकत्र होने वाले रेवेन्यू को रियल टाईम वॉच किया जा सकता है।
उपमुख्यमंत्री ने इसकी सराहना करते हुए कहा कि इससे सिस्टम में पारदर्शिता आएगी। टोल कर्मियों के नागरिको के साथ व्यवहार पर भी इसके माध्यम से नजर रखी जा सकती है तथा आवश्यकता पड़ने पर टैफिक मेनेजमेंट में भी उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने सभी टोलों पर फास्टैग तत्काल चालू करके फास्टैग कमाण्ड सेंटर से जोडने के निर्देश दिए।