वरिष्ठ प्रचारक व अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री मदन दास देवी जी की स्मृति में आयोजित हुई श्रद्धांजलि सभा।

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नई दिल्ली: सोमवार, दिल्ली के जेएलएन स्टेडियम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह-सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री मदनदास देवी की स्मृति में आयोजित हुई.

श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल,अरूण कुमार, पूर्व उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केन्द्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, अनुराग ठाकुर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान सहित हजारों लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मदनदास देवी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 22 वर्षों तक अखिल भारतीय संगठन मंत्री रहे और उन्होंने संगठन को गढ़ने में तथा महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में परिवर्तित करने में अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहने के उपरांत वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह रहे। वे आजीवन भारतीयता के विचार व मूल्यों से प्रेरित हो सकारात्मक परिवर्तन निमित्त संकल्पित रहे।

गत 24 जुलाई को 81 वर्ष की आयु में मदनदास देवी जी का निधन बंगलुरु में हो गया। मदनदास देवी जी की  आपातकाल के दौरान विद्यार्थियों के लोकतंत्र को बचाने के आंदोलन में प्रमुख भूमिका रहने के साथ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से विभिन्न सकारात्मक व रचनात्मक परिवर्तनों में उनका प्रमुख हस्तक्षेप रहा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि,” मदनदास जी के देहांत से असंख्य लोगों जो वेदना का अनुभव हुआ उसमें मैं भी हूं। मदनदास जी मनुष्य निर्माण व संगठन निर्माण के अद्भुत शिल्पकार थे, मदनदास मनुष्यों के पारखी थे ।मनुष्य का गुण देखना तथा उसको स्नेह देना प्रेम देना यह हमारा दायित्व है- ऐसी दृष्टि मदनदास जी रखते थे। मेरे जैसे कार्यकर्ता को उन्होंने सिखाया, संगठन के लिए योग्य शास्त्र को विकसित करना, यह मदनदास जी के सहज स्वभाव में था। मदनदास जी मनुष्य व्यवहार के निपुण पारखी थे, मदनदास जी संगठन शिल्पी के रूप में हमेशा स्मृति में रहेंगे। ध्येय निष्ठा के प्रकाश में मदनदास जी आगे बढ़े।”