एशिया के सबसे बड़े स्लम कहे जाने वाले मुंबई के धारावी इलाके से डिफेंस का पहला ऑफिसर बना उमेश कीलू

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मुंबई: धारावी के बेहद सामर्थ्यपूर्ण सैनिक उमेश कीलू ने अपनी कठिनाईयों को पार करके भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में अपनी पेशेवर उड़ान की शुरुआत की है। इनकी कहानी से यह साबित होता है कि संघर्ष और मेहनत से कोई भी अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकता है।

कौन हैं उमेश कीलू?

उमेश कीलू का जन्म मुंबई के धारावी के सायन कोलीवाड़ा झुग्गी में हुआ था, जो एशिया के सबसे बड़े स्लम में से एक है। इस छोटे से मकान में रहकर भी उन्होंने अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए मेहनत की है और एक उच्च स्तरीय शिक्षा हासिल की है।

अपने परिवार के आर्थिक संघर्षों के बावजूद, उमेश ने आइटी में बीएससी और कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने अपनी ऊर्जा को सेना में सेवा करने में लगाई और चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी से सफलता प्राप्त की है।

उमेश के जीवन के मुश्किल मोड़ों में से उनके पिता का निधन एक और चुनौती थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपनों की पूर्ति के लिए संघर्ष किया। उनकी अद्भुत मेहनत ने उन्हें सेना के एक प्रमुख ऑफिसर बनने का मौका दिया है।

उमेश की इस कड़ी मेहनत और समर्पण की उपलब्धि से हमें यह सिखने को मिलता है कि चाहे जितनी भी चुनौतियां क्यों ना हों, अगर किसी का इरादा सच्चा हो तो उसे कोई भी मुश्किल हाल कर सकता है।