India Canada Diplomatic Relations:   आसान भाषा में समझें क्या है भारत कनाडा कूटनीतिक विवाद ?

Published

नई दिल्ली। भारत और कनाडा खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर कूटनीतिक विवाद (India Canada Diplomatic Relations) में उलझे हुए हैं. यह तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है. दोनों देश एक दूसरे पर कूटनीतिक कटाक्ष कर रहे हैं.

कब शुरू हुआ  भारत कनाडा कूटनीतिक विवाद ?

गौरतलब है कि सितंबर 2023 में दोनों देशों के बीच तनाव तब शुरू हुआ जब कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके पास कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादी की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के सबूत हैं. जिसके बाद  पिछले एक साल से दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में भारत और कनाडा दोनों ने एक दूसरे के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया. भारत ने कनाडा के इस आरोप को बेतुका और ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताया.
 

क्या है भारत कनाडा कूटनीतिक विवाद ?

हम आपको सितंबर 2023 को शुरू हुए इस तनाव को मुख्य पॉइंट्स के जरिए  बता रहें है कि दोनो देशों के बीच कूटनीतिक संघर्ष ( India Canada Diplomatic Relations) के पीछे की वजह क्या है.

  • भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत सरकार पर सितंबर 2023 में कनाडा में  खालिस्तानी समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया.   निज्जर को  2020 में भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किया गया था. खालिस्तानी आतंकवादी  को 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख मंदिर के बाहर नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी.
  • खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के हत्या को लेकर प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो  और रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने भारत पर आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक कनाडा में सिख अलगाववादियों को निशाना बना रहे थे और संगठित अपराध समूहों को  इसकी सूचनाएं दे रहे थे. जस्टिन ट्रूडो ने सार्वजनिक गवाही में यह भी आरोप लगाया कि भारतीय राजनयिक उन कनाडाई लोगों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर रहे थे जो भारत की वर्तमान नरेन्द्र मोदी सरकार से असहमत हैं. इस जानकारी को भारत सरकार और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों तक पहुंचाया जा रहा है.
  • भारत ने कनाडा के इन आरोपों को  बेतुका और  ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा बताते हुए खारिज कर दिया. भारत ने कनाडा में रहने वाले खालिस्तान आंदोलन के समर्थकों के प्रति नरम रुख अपनाने के लिए ट्रूडो सरकार की आलोचना भी की. इसके बाद भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा ने भी जवाब में छह भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने को कहा.
  • मामले को लेकर भारत ने आतंकवाद से जुड़ी जांच में कनाडा सीमा पुलिस के अधिकारी संदीप सिंह सिद्धू को शामिल किया. सिद्धू कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (CBSA) का सदस्य है और उस पर पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने का आरोप है.  संदीप सिंह सिद्धू का पाकिस्तान स्थित खालिस्तान आतंकवादी लखबीर सिंह रोडे और अन्य ISIS गुर्गों से भी संबंध है.
  •  दोनो देश के बीच तनावपूर्ण रिश्ते (India Canada Diplomatic Relations) के बीच कनाडा ने ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त को एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में संदिग्ध व्यक्ति के रूप में नामित किए जाने के बाद कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने शुक्रवार को कहा कि देश में शेष भारतीय राजनयिकों को स्पष्ट रूप से सूचना दी गई है. दोनों देश के बीच खराब हो रहे रिश्ते के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत से कनाडा द्वारा लगाए गए हत्या की साजिश के आरोपों को गंभीरता से लेने का आह्वान किया है.