Unified Pension Scheme: आखिर क्या है UPS जिसके आने के बाद सरकारी कर्मचारियों में है ख़ुशी ? जानें OPS और NPS में क्या है अंतर

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Unified Pension Scheme: केंद्र की मोदी सरकार ने देश में पुरानी पेंशन स्कीम और नई पेंशन स्कीम के बीच मचे घमासान के बीच नई पेंशन स्कीम को हटाते हुए इसकी जगह पर एकीकृत पेंशन योजना लॉन्च (UPS) की है। अब यूपीएस लॉन्च होने पर सवाल उठता है कि आखिरी नई पेंशन स्कीम क्या थी और ये पुरानी पेंशन स्कीम से कितना अलग था। इसमें क्या दिक्कतें थी जिसकी वजह से इसका विरोध किया जा रहा था। आइए विस्तार से समझते हैं।

क्या है नई Unified Pension Scheme ?

बता दें कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम यानी एकीकृत पेंशन योजना सरकारी कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना है। इसके तहत कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद सुनिश्चित पेंशन दी जाएगी। यह राशि रिटायरमेंट के पहले के 12 महीने के एवरेज बेसिक पे की 50% होगी। कर्मचारी 25 साल की सेवा के बाद इस पेंशन को पाने के हकदार होंगे

क्या है नई पेंशन योजना (NPS ) ?

दरअसल, सरकार ने नई पेंशन योजना को साल 2004 में शुरू किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारियों को निवेश की मंजूरी मिलती है, जिसके तहत वो अपने पूरे करियर में पेंशन खाते में नियमित तौर पर योगदान करके अपने पैसे के निवेश को अनुमति दे सकते हैं। यही नहीं, एनपीएस में जब कर्मचारी का रिटायरमेंट हो जाता है, तो इसके बाद उसे पेंशन राशि का एक हिस्सा एकमुश्त निकालने की छूट मिलती है। वहीं, बाकी रकम के लिए एन्युटी प्लान खरीद सकते हैं।

आखिर क्या है ओल्ड पेंशन योजना(OPS)

ओल्ड पेंशन योजना की अगर बात करें, तो इसमें कर्मचारी के आखिरी वेतन का 50 फीसदी पेंशन होती थी। वहीं, इसकी पूरी राशि का भुगतान सरकार की तरफ से किया जाता था। हालांकि, दिवंगत अटली बिहारी वाजपेयी ने दिसंबर 2003 में इस ओल्ड पेंशन योजना को खत्म कर दिया था। वहीं, अब लोग इसी पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने के लिए आंदोलन तक कर रहे हैं।

एनपीएस और ओपीएस में क्या है अंतर?

  • आपको बता दें नई पेंशन योजना में कर्मचारी के वेतन से 10 प्रतिशत यानी बेसिक और डीए की कटोती होती है, तो वहीं ओल्ड पेंशन योजना में पेंशन के लिए वेतन से कोई कटौती नहीं होती
  • NPS में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा नहीं जोड़ी गई है, जबकि पुरानी पेंशन योजना में जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा है
  • नई पेंशन योजना में 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता लागू नहीं होता, जबकि पुरानी पेंशन योजना में ये लागू होता है
  • जहां एक तरफ एनपीएस में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के आधार पर जो पैसा मिलेगा, उस पर टैक्स देना पड़ेगा। वहीं, दूसरी तरफ पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट पर जीपीएफ के ब्याज पर किसी तरह का कोई इनकम टैक्स नहीं लगता।