नई दिल्ली: बजट एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है जिसमें सरकार की आय व खर्च के लेखाजोखा के अलावा कई महत्वपूर्ण आंकड़े होते हैं। इसे तैयार करने की प्रक्रिया को बेहद गोपनीय और सुरक्षित रखा जाता है। बजट की तैयारी बजट पेश होने से लगभग 6 महीने पहले शुरू हो जाती है। आइए जानते हैं कि बजट को किस प्रकार तैयार किया जाता है, इसमें कितनी संस्थाएं और अधिकारी व कर्मचारी शामिल होते हैं, और बजट से जुड़ी सूचनाओं को लीक होने से बचाने के लिए क्या इंतजाम किए जाते हैं।
देश का आम बजट हर साल 5 चरणों में तैयार किया जाता है। वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग हर साल केंद्रीय बजट तैयार करता है, लेकिन इसे कई विभागों और मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श के बाद ही अंतिम रूप दिया जाता है। इनमें नीति आयोग और अन्य सरकारी मंत्रालय शामिल होते हैं। बजट तैयार करने की प्रक्रिया के पांच चरण इस प्रकार हैं:
बजट निर्माण के 5 चरण
प्रारंभिक चरण
बजट तैयार करने की प्रक्रिया बजट पेश होने से लगभग 6 महीने पहले शुरू होती है। सबसे पहले, वित्त मंत्रालय संबंधित मंत्रालयों और विभागों को बजट सर्कुलर भेजता है, जिसमें उन्हें अगले वित्तीय वर्ष के लिए अपने खर्चों का अनुमान लगाने और जरूरी फंड की जानकारी देने के निर्देश दिए जाते हैं। इसके अलावा, विभिन्न उद्योग संघ, ट्रेड यूनियन, किसान संघ, वाणिज्य मंडल, और अर्थशास्त्रियों के साथ चर्चा की जाती है ताकि बजट प्रावधान तैयार किए जा सकें।
डाटा की जांच
विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों से प्राप्त डाटा और अनुमानों की जांच संबंधित विभागों के शीर्ष अधिकारियों द्वारा की जाती है। जरूरत पड़ने पर अनुमोदित या संशोधित होने के बाद, यह डाटा जांच के लिए संबंधित मंत्रालयों को भेजा जाता है। इसके बाद यह डाटा वित्त मंत्रालय पहुंचता है।
बजट निर्माण
विभिन्न मंत्रालयों से मिले डाटा और हितधारकों से मिली राय के गहन विश्लेषण के बाद, वित्त मंत्रालय विभिन्न प्रशासनिक मंत्रालयों को राजस्व आवंटित करता है और नई लोक कल्याण योजनाएं विकसित करता है। वित्त मंत्रालय केंद्रीय मंत्रिमंडल या प्रधान मंत्री से परामर्श मांगता है, जिसका निर्णय अंतिम माना जाता है।
बजट की छपाई
तीसरे चरण के पूरा होने के बाद केंद्रीय बजट की छपाई शुरू होती है। यह प्रक्रिया एक पारंपरिक समारोह “हलवा सेरेमनी” के साथ शुरू होती है। इस समारोह के दौरान वित्त मंत्री और बजट प्रक्रिया में शामिल अन्य अधिकारी और कर्मचारी हलवा खाते हैं। इस समारोह के बाद केंद्रीय बजट की छपाई शुरू होती है। बजट दस्तावेज बेहद गोपनीय रहते हैं, इसलिए इसकी प्रिंटिंग में शामिल वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर में ही रहकर काम करते हैं। और इस दौरान उन्हें परिवार से बात करने की भी इजाजत नहीं मिलती है।
बजट पेश करना
छपाई के बाद बजट को संसद में पेश किया जाता है। वित्त मंत्री बजट भाषण के माध्यम से संसद में बजट प्रस्तावों को प्रस्तुत करते हैं। इसके बाद संसद में बजट पर चर्चा और बहस होती है, और अंत में इसे मंजूरी दी जाती है।
इन पांच चरणों के माध्यम से बजट तैयार किया जाता है, जिसमें कई संस्थाएं और अधिकारी व कर्मचारी शामिल होते हैं। बजट की तैयारी के दौरान सभी सूचनाओं को गोपनीय रखा जाता है और लीक होने से बचाने के लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं।