नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वार्षिक बैठक के दौरान योगी आदित्यनाथ के बयान बंटेंगे तो कटेंगे का आरएसएस ने समर्थन किया किया है. उत्तर प्रदेश के मथुरा में आयोजित RSS के इस कार्यक्रम में संघ के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि हिंदू एकता और लोक कल्याण के लिए, हमें इसे आचरण में लाना चाहिए. यह हिंदुओं के लिए जरूरी है.
हिंदू एकता समाज और जन कल्याण के लिए आवश्यक
अपने संबोधन में होसबोले ने कहा किसी भी समुदाय के लिए एकता आवश्यक है. आज कई धार्मिक और पार्टी के लोग इसे अपने अनुभव से समझ रहे हैं और इसका स्वागत भी कर रहे हैं. हिंदुओं को एकजुट रहना चाहिए. हिंदू एकता समाज में आवश्यक है और जन कल्याण के लिए आवश्यक है. जाति और विचारधारा के आधार पर हिंदुओं को विभाजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं और हमें इसके प्रति सतर्क रहना चाहिए.
बांग्लादेश के हिंदुओं से पलायन नहीं करने का आग्रह
कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान होसबोले ने बांग्लादेश में जारी हिंदुओं के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार को लेकर कहा कि हिंदू समुदाय को वहां रहना चाहिए और पलायन नहीं करना चाहिए. 1947 में उनकी भूमि भारत से अलग हो गई थी और 1971 में वे पाकिस्तान के ज़रिए एक अलग देश बन गए, जिसमें भारत की भी भूमिका थी. वहां एक शक्तिपीठ भी है और उस क्षेत्र ने हिंदू राष्ट्र के रूप में हमारे इतिहास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. हम चाहते हैं कि हिंदू वहां रहें, लेकिन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.
जब पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था बंटेंगे तो कटेंगे
ज्ञात हो कि सीएम ने आगरा में एक सार्वजनिक सभा में चेतावनी देते हुए कहा था कि आप देख रहे हैं बांग्लादेश में क्या हो रहा है? वो गलतियां यहां नहीं होनी चाहिए. बटेंगे तो कटेंगे! एक रहेंगे तो नेक रहेंगे, सुरक्षित रहेंगे और समृद्धि की विरासत को दिखाएंगे. ये गलतियां नहीं होनी चाहिए. आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र से ऊपर कुछ भी नहीं हो सकता है. और राष्ट्र तभी सशक्त होगा जब हम एकजुट होंगे.यदि हम एकजुट हैं, तो हम सुरक्षित रहेंगे और हम समृद्ध होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाज में विभाजन के परिणामों के खिलाफ चेतावनी देने के लिए बांग्लादेश में उथल-पुथल का हवाला देते हुए राष्ट्रीय एकता की वकालत की थी.
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पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए एक रैली में अपने संबोधन के दौरान “बंटेंगे तो कटेंगे” का जिक्र करते हुए हिंदुओं को जातियों के आधार पर न बंटने की सलाह दी थी. मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों की रणनीति को लेकर कहा था कि वो चाहते हैं कि मुसलमान एकजुट होकर ताकतवर और हिंदू जातियों में विभाजित होकर कमजोर बने रहें. उन्होंने अपने संबोधन में बांग्लादेश में मुसलमानों के हाथों हिंदुओं की मौत का हवाला देते हुए कहा कि बंटेंगे तो कटेंगे. मुख्यमंत्री के इस बयान की विपक्ष ने कड़ी आलोचना की थी. हालांकि उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने अपने तरीके से योगी आदित्यनाथ के बयान का समर्थन किया था.
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी की थी बयान की वकालत
इस साल अपने वार्षिक विजयादशमी भाषण के दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश में जारी हिंदुओं के साथ पक्षपातपूर्ण व्यवहार को लेकर कहा था कि असंगठित और कमज़ोर होना दुष्टों द्वारा अत्याचार को आमंत्रित करने जैसा है. हिंदूओं को बांग्लादेश की घटनाओं से सबक लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक प्रसिद्ध कहावत है कि भगवान भी कमज़ोरों की परवाह नहीं करते. ऐसी दुर्दशा को रोकना और अपराधियों को तुरंत नियंत्रित करना और उन्हें दंडित करना प्रशासन का काम है. लेकिन जब तक वे नहीं आते तब तक समाज को अपने और अपनी संपत्ति के साथ-साथ प्रियजनों के जीवन की भी रक्षा करनी होगी.