हिंदू समाज की एकता ही ताकत; अनुराग ठाकुर का गांधी परिवार और अंतर्राष्ट्रीय साजिशों पर आरोप

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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज (7 नवंबर) दिल्ली के कंस्टीट्यूशन क्लब में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में 7 नवंबर 1966 को गौ रक्षा आंदोलन में शहीद हुए गौ भक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने इस अवसर पर करपात्री महाराज के सनातन धर्म की सेवा में योगदान को भी याद किया और गांधी परिवार व कांग्रेस पर सनातन धर्म के ख़िलाफ़ काम करने का आरोप लगाया.

अनुराग ठाकुर ने कहा, “जब-जब गांधी परिवार सत्ता में रहा है, उन्होंने सनातन के विरुद्ध कार्य किए हैं. 1975 में आपातकाल लगाकर इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र को शर्मसार किया, और उससे पहले 7 नवंबर 1966 को संसद के बाहर गौसेवकों पर गोली चलवा कर हज़ारों साल पुरानी साधु-संतों की गौरवशाली परंपरा को आघात पहुंचाया. कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति में सनातन के प्रति उनकी दूषित मानसिकता उजागर होती है.”

अंतर्राष्ट्रीय साजिश और हिंदू समुदाय पर हमले का आरोप

ठाकुर ने कहा कि हाल ही में भारत के कई हिस्सों में “डेमोग्राफ़ी में बदलाव, व्यापार में एक समुदाय की बढ़ती पकड़, हिंदू शोभायात्राओं पर हमले, और लव जिहाद के नाम पर हिंदू बेटियों की हत्याएं” इस बात का संकेत देती हैं कि हिंदू समुदाय एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के निशाने पर है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के बहराइच, हिमाचल के संजौली और मंडी तथा कनाडा में हुई घटनाओं का ज़िक्र करते हुए उन्होंने हिंदू धर्म, धार्मिक स्थलों, प्रतीकों और आस्थाओं पर हमले की ओर संकेत किया.

ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” संदेश का हवाला देते हुए कहा कि यह समय जाति, भाषा और क्षेत्र के नाम पर बंटने का नहीं है, बल्कि एकजुट होकर अपनी सुरक्षा और शक्ति को सुदृढ़ करने का है.

करपात्री महाराज को श्रद्धांजलि

करपात्री महाराज का स्मरण करते हुए ठाकुर ने कहा, “करपात्री महाराज सनातन धर्म के सूर्य थे. उनका सपना था कि भारत विश्वगुरु बने। उनके बताए ‘स्वतंत्र विधान, स्वतंत्र संस्कृति, स्वतंत्र भाषा और स्वतंत्र परंपरा’ के मार्ग पर चलना आज के दौर में अत्यधिक प्रासंगिक है. हमें उनके अधूरे सपनों को पूरा करना होगा.”

ठाकुर ने हिंदू समाज से आग्रह किया कि वे जाति, क्षेत्र और भाषा के विभाजन से बचें और एकजुटता के साथ संपूर्ण शक्ति बनकर खड़े हों.