वर्तमान में, अमेरिका की अर्थव्यवस्था विभिन्न संकेतकों के आधार पर मंदी की ओर बढ़ने की आशंका को लेकर चर्चा में है। बेरोजगारी दर, फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीतियां, और आर्थिक गतिविधियों में गिरावट, इन सभी कारकों ने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
बेरोजगारी में वृद्धि
अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई है, जो कि लेबर मार्केट की कमजोरी और संभावित मंदी की ओर इशारा करता है। पिछले एक साल से फेडरल रिजर्व ने कर्ज की लागत को 5.25%-5.50% के उच्च स्तर पर बनाए रखा है। यह सख्त मौद्रिक नीति लंबी अवधि तक जारी रहने पर अर्थव्यवस्था को मंदी की ओर धकेल सकती है।
Sahm Rule Recession Indicator
Sahm Rule Recession Indicator ने 0.50 की सीमा पार कर ली है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के शुरुआती चरणों का संकेत दे रहा है। हालांकि, ब्लूमबर्ग रेटिंग्स के साइमन व्हाइट का कहना है कि बाजार शायद अभी समय से पहले ही मंदी की आशंका जता रहा है और इसके अगले साल की शुरुआत से पहले आने की संभावना कम है।
क्या है मंदी?
मंदी का मतलब है कि अर्थव्यवस्था में आर्थिक गतिविधियों में व्यापक गिरावट आ रही है। इसमें जीडीपी, आमदनी, रोजगार, औद्योगिक उत्पादन और बिक्री में कमी शामिल है। जब लगातार दो तिमाही तक आर्थिक विकास घटता है, तो इसे मंदी माना जाता है।
अमेरिका में नौकरियों की स्थिति
जुलाई में अमेरिकी नौकरियों की वृद्धि में कमी आई है, जो पिछले महीने के 179,000 से घटकर 114,000 रह गई है। कंपनियां नए कर्मचारियों की भर्ती कम कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों की कटौती हो रही है। जुलाई में औसत प्रति घंटा वेतन में साल-दर-साल 3.6% की वृद्धि हुई, जो कि जून की 3.8% वृद्धि से थोड़ी कम है।
अमेरिका की अर्थव्यवस्था मुश्किल समय से गुजर रही है, और मंदी की आशंका वास्तविक है। बेरोजगारी दर में वृद्धि, सख्त मौद्रिक नीतियां, और मंदी के संकेतक अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर सतर्कता बढ़ाते हैं। हालांकि, कुछ विश्लेषक मानते हैं कि मंदी का आना अगले साल की शुरुआत से पहले संभव नहीं है। वर्तमान परिस्थितियों के बावजूद, मौद्रिक और राजकोषीय नीतियों के माध्यम से अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने की कोशिशें जारी हैं।