Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में में पुलिस की कार्रवाई पर सवाल खड़े करने का एक मामला सामने आया है. दरअसल, यहां पुलिस से मुठभेड़ के दौरान बदमाश कमलेश तिवारी के पैर में गोली लगी थी. ऐसे में पुलिस ने उसे गिरफ्तार घायल अवस्था में (Uttar Pradesh News) अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस बीच अस्पताल में इलाज के दौरान तिवारी की मौत हो गई. इसके बाद अब पुलिस की तरफ से की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बदमाश कमलेश तिवारी लखनऊ के ठाकुरगंज थाना क्षेत्र स्थित दौलतगंज ब्राह्मणी टोला का निवासी था. पुलिस ने उसे एक मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था, जिसमें उसकी जांघ में गोली लग गई थी. गोली लगने के बाद वह भाग नहीं सका था, जबकि उसके (Uttar Pradesh News) साथी मौके से फरार होने में सफल हो गए थे. कमलेश तिवारी के खिलाफ लूट और मारपीट के 25 से अधिक मामले अलग-अलग थानों में दर्ज थे.
अस्पताल में हुई मौत
22 अक्टूबर की रात को पुलिस ने कमलेश तिवारी को भीठौली क्रॉसिंग के पास सीडीआरआई के पास मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था. उसके पैर में गोली लगने के बाद उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया था. हालांकि, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसके बाद, उसके परिजनों ने पुलिस के खिलाफ नाराजगी जताई और कई गंभीर आरोप लगाए हैं.
पुलिस ने नहीं बताई वजह
इस बीच लखनऊ क्राइम ब्रांच के डीसीपी के अनुसार, नॉर्थ क्राइम टीम और जानकीपुरम पुलिस ने मिलकर मुठभेड़ के बाद कमलेश को गिरफ्तार किया था. मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार की गई, लेकिन पुलिस और जेल प्रशासन ने अब तक कमलेश तिवारी की मौत की वजह के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंपा गया और परिजनों ने कमलेश का अंतिम संस्कार किया.
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