Uttarkashi Tunnel Accident: क्या नागदेवता मंदिर तोड़ने की वजह से हुआ सुरंग हादसा?

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Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में निर्माणाधीन सुरंग के मलबे में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान दसवें दिन भी जारी है। इस ऑपरेशन के दौरान अभी तक की सबसे बड़ी सफता यही रही कि टीम ने कैमरे के माध्यम से मजदूरों का हालचाल जाना। अधिकारियों ने पहली बार मजदूरों की हालत को लेकर एक वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में मजदूर सुरक्षित नजर आ रहे हैं। 6 इंच की पाइपलाइन के माध्यम से श्रमिकों को भोजन, दवा और ऑक्सीजन प्रदान की जाती है। इसी क्रम में सिलक्यारा के ग्रामीण सुरंग ढहने को लेकर कई आशंकाएं व्यक्त कर रहे हैं।

बाबा बौख नाग के क्रोध के कारण हुआ हादसा!

दावा किया गया था कि उत्तर काशी के स्थानीय देवता बाबा बौख नाग के क्रोध के कारण निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग ढह गई और सुरंग निर्माण कंपनी ने 12 नवंबर की घटना से कुछ दिन पहले बाबा बौख नाग मंदिर को ध्वस्त कर दिया। बता दें कि उत्तराखंड के उत्तर काशी जिले में सिल्क्यारा सुरंग के मुहाने पर एक देव मंदिर बना हुआ था, जिसके वहां से हटा दिया गया था। ग्रामीणों ने प्रतिष्ठित चार धमाल वेदर रोड परियोजना के तहत सुरंग निर्माण के एक हिस्से के भूस्खलन और ढहने के लिए बाबा बौख नाग के क्रोध को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके मलबे में 41 मजदूर फंस गए हैं।

देवता की विशेष पूजा करके क्षमा मांगें कंपनी के अधिकारी- पुजारी

उधर, बाबा बौखा नाग मंदिर के पुजारी ने भी इस घटना पर प्रतिक्रिया दी है। कितनी भी कोशिशें की जाएं, लेकिन मजदूरों को बाहर नहीं निकाला जा पा रहा है। मंदिर के पुजारी गणेश प्रसाद बिजल्वाण का कहना है कि यदि कंपनी के अधिकारी एकत्र होकर बाबा बौख नाग देवता की विशेष पूजा कर क्षमा मांगेंगे तो लाभ होगा।

इसी बात पर बात करते हुए सिल्कयारा के एक ग्रामीण ने कहा, “हमने निर्माण कंपनी से मंदिर को न तोड़ने के लिए कहा। अगर हमें ऐसा करना ही था, तो हमने उनसे कहीं और दूसरा मंदिर बनाने के लिए कहा। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने इनकार कर दिया।” पहले भी प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में सुरंग के एक हिस्से में एक मंदिर था, लेकिन कोई दुर्घटना नहीं हुई। क्योंकि मंदिर अभी भी वहीं है।

41 श्रमिकों को बचाने के लिए बचाव अभियान दस दिनों से चल रहा है। मंगलवार (21 नवंबर) को अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स, जो जिनेवा में इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के प्रमुख को तैनात किया गया था। ऐसा लगता है कि अर्नोल्ड ने सुरंग के मुख्य द्वार पर बने मंदिर में काम करना भी शुरू कर दिया है।