Walking Pneumonia: दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब है. लगातार पिछले कुछ समय में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है. वहीं लोगों को अब सांस लेने में परेशानी हो रही है. इस बीत अब वॉकिंग निमोनिया (Walking Pneumonia) से जुड़े मामले भी बढ़ने लगे हैं.
वॉकिंग निमोनिया आम तौर पर निमोनिया से कम गंभीर माना जाता है. इसमें बेड रेस्ट की आवश्यकता नहीं होती और ना ही अस्पताल में एडमिट होने की. जिस वजह से इसे वॉकिंग निमोनिया कहा जाता है.
क्या है वॉकिंग निमोनिया होने का कारण
वॉकिंग निमोनिया माइकोप्लाज्मा निमोनिया नाम के बैक्टीरिया से होता है. इस बैक्टीरिया से होने वाला इंफेक्शन हल्का होता है, लेकिन कुछ मामलों में खतरनाक साबित हो सकता है. इसका पता आपके शरीर में चेकअप या फिर एक्स-रे के माध्यम से लगाया जा सकता है.
जानें वॉकिंग निमोनिया के लक्षण
जिन लोगों को वॉकिंग निमोनिया होता है उन्हें बुखार के साथ-साथ गले में खराश और खांसी की परेशानी हो सकती है. वहीं सांस लेने में दिक्कत हो सकती है. बता दें कि यह बीमारी खांसने या फिर छींकने से भी फैलता है. वॉकिंग निमोनिया से ग्रसित कोई शख्स किसी अन्य के सामने खांसता या फिर छींकता है तो दूसरे व्यक्ति को भी बैक्टीरिया फैलने के कारण परेशानी हो सकती है.