ARTICLE 142 क्या है ? जिस वजह से पलट गया चंडीगढ़ मेयर चुनाव का परिणाम

Published

नई दिल्ली/डेस्क: 1 महीने से भी कम समय में चंडीगढ़ को दो मेयर मिल गया. पहला चुनाव के जरिये और दूसरा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से. देश की सबसे बड़ी अदालत ने चंडीगढ़ नगर निगम ‘चुनाव’ के हारे हुए आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया. इस फैसले के कारण भाजपा उम्मीदवार और फिलहाल मेयर मनोज सोनकर को तीन हफ्ते ही के भीतर नगर निगम के दफ्तर से अपना बोरिया-बोरिया बिस्तर समेटना पड़ेगा.

जानकारी के लिए हम आपको बता दें, कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करते हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के परिणाम को पलट दिया. कोर्ट ने पराजित कुलदीप कुमार को नया महापौर घोषित किया और निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश दिया.

क्या है अनुच्छेद 142 की असाधारण ताकत

अनुच्छेद 142 भारत के संविधान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो सर्वोच्च न्यायालय को पूर्ण न्याय करने की शक्ति देता है. इसका मतलब यह है कि न्यायालय किसी भी मामले में, चाहे वह कानूनी रूप से जटिल हो या न हो, सभी पक्षों को उचित न्याय देने के लिए आवश्यक कोई भी आदेश पारित कर सकता है.

यह शक्ति विवेकाधीन है, यानी न्यायालय कानून की सख्त व्याख्या से परे जा सकता है और अपनी समझदारी और रचनात्मकता का उपयोग करके विवादों को सुलझा सकता है. यह उन स्थितियों में उपयोगी है जहाँ कानून में कोई उचित उपाय नहीं है.

लेखक: इमरान अंसारी