इजरायल और हमास जंग का इतिहास क्या है? जानिए पूरी कहानी?

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उत्तर प्रदेश: इजराइल और हमास के बीच युद्ध जारी है. दोनों के बीच बीते 7 अक्टूबर से ही संघर्ष चल रहा है. इजराइल की ओर से हमास के गढ़ गाजा पट्टी में लगातार बमबारी की जा रही है. वहीं इस युद्ध में एक बात और चर्चा में है, जो है जायनवाद. आइए जानते हैं कि यह क्या है?

इस युद्ध में जहां ईरान हमास का खुलकर समर्थन कर रहा है, तो वहीं अमेरिका इजराइल के पूरे समर्थन में है. अमेरिका के अलावा भी कई देश इजराइल का समर्थन कर रहे हैं. 17 दिनों से जारी युद्ध अभी और लंबा चल सकता है. इससे पहले भी इजराइल और हमास के बीच लड़ाई हुई है. इस बार इजराइल पूरी तरह से हमास का खात्मा करना चाह रहा है. हाल ही में इजराइल दौरे पर गए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि मुझे जायनिस्ट होने के लिए यहूदी होने की जरूरत नहीं है. तभी से जायनिस्ट की चर्चा हो रही है.

19वीं सदी में यहूदियों की ओर से फिलिस्तीन में अपनी मातृभूमी पाने के लिए एक आंदोलन चलाया गया है, जिसे जायनीवाद का नाम दिया गया था. इस आंदोलन की शुरूआत मध्य-पूर्व यूरोप में हुई थी. 20वीं सदीं में इजराइल बनने के बाद जायनीवाद एक विचारधारा बन गई, जो इजराइल के विकास और संरक्षण का समर्थन करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यहूदियों के समर्थक जायनीवाद के समर्थक माने जाते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जायन शब्द से जायनिज्म बना है. जायन यरूशल की एक पहाड़ी का नाम है, जिसे इजराइल की जमीन का प्रतीक माना जाता है. वहीं यरूशलेम को यूहूदी, ईसाई और मुस्लमानों का पवित्र स्थल माना जाता है.

यह हमेशा से ही विवादों में रहा है. यरूशलेम स्थिल अल अक्सा मस्जिद पर इन तीनों धर्मों के लोग अपना अधिकारी जताते हैं.

लेखक: इमरान अंसारी