भारतीय राष्ट्रध्वज ‘तिरंगा’ का क्या रहा है इतिहास ? क्या कुछ है इसमें खास, पढ़ें पूरी खबर !

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History Of Indian Tricolour: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज यानि ‘तिरंगा’ देश के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है और यह हमारे राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है। सशस्त्र बलों के जवानों व अनगिनत आम नागरिकों ने तिरंगे की शान के लिए बिना किसी हिचकिचाहट के अपने प्राणों की आहुति दी है। 22 जुलाई हर साल राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है, इस साल भारतीय तिरंगे को अपनाने के 78वें वर्ष का जश्न मनाया जा रहा है।

क्या है भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

भारतीय राष्ट्रध्वज का प्रारंभ:

1906 में ध्वज का पहला रूप: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रारंभिक दिनों में, 1906 में, भारतीय ध्वज का पहला रूप कोलकाता में एक जनसभा के दौरान प्रस्तुत किया गया। यह ध्वज लाल और हरे रंग की क्षैतिज पट्टियों के साथ एक सूर्य और चंद्रमा का प्रतीक था।

1917 का ध्वज:

अंग्रेजों के खिलाफ: 1917 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने एक नया ध्वज पेश किया, जिसमें एक लाल पट्टी पर ‘वंदे मातरम्’ लिखा गया था और उस पर एक चांद और एक सूर्य का चित्र था।


1921 का ध्वज:

महात्मा गांधी का योगदान: 1921 में, महात्मा गांधी ने एक नया ध्वज डिज़ाइन किया जिसमें एक हरी पट्टी और एक लाल पट्टी थी, जिसमें सफेद धारी भी शामिल थी। यह ध्वज स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण था और इसमें एक चरखा (स्पिनिंग व्हील) था, जो स्वदेशी उत्पादन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक था।

स्वतंत्रता संग्राम के बाद:

15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता प्राप्ति: भारतीय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारतीय गणराज्य के लिए एक आधिकारिक ध्वज की आवश्यकता महसूस की गई।
ध्वज की अंतिम डिजाइन:

1950 में अपनाया गया: भारतीय संविधान सभा द्वारा 22 जुलाई 1947 को एक ध्वज डिज़ाइन को स्वीकृत किया गया। यह डिज़ाइन, जिसे पिंगली वेंकैया द्वारा प्रस्तावित किया गया था, 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के दिन अपनाया गया।

रंग और प्रतीक: भारतीय ध्वज में तीन क्षैतिज पट्टियाँ होती हैं—केसरिया (संतरी) रंग की ऊपरी पट्टी, सफेद रंग की मध्य पट्टी, और हरी रंग की निचली पट्टी। सफेद पट्टी के मध्य में एक नीले रंग का 24-स्पोक चक्र (आशोक चक्र) होता है।

क्या है तिरंगे के रंगों का प्रतीकात्मक महत्व

केसरिया रंग: बलिदान, वीरता और समर्पण का प्रतीक


सफेद रंग: शांति, सच्चाई और एकता का प्रतीक।

हरा रंग: समृद्धि, कृषि और प्रगति का प्रतीक।

आशोक चक्र:

यह चक्र भारतीय सम्राट अशोक के धर्म चक्र से प्रेरित है और न्याय, कानून, और धार्मिकता का प्रतीक है। इसके 24 स्पोक कानून और शासन की निरंतरता का प्रतीक हैं।


खादी पर निर्माण:

ध्वज को खादी के कपड़े पर तैयार किया जाता है, जो महात्मा गांधी के स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भरता के आदर्शों को दर्शाता है। इस प्रकार, भारतीय राष्ट्रध्वज का डिज़ाइन और इसकी शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम, सांस्कृतिक प्रतीकों और देश की विविधता और एकता को सम्मानित करने के उद्देश्य से की गई थी। ध्वज का इतिहास और डिज़ाइन स्वतंत्रता संघर्ष की भावना और भारतीय पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।